Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

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Page 20
________________ ------ - -- परम पूज्या श्री १०५ गणिनी प्रायिका विदुषि रत्न सम्यग्ज्ञान शिरोमरिण, सिद्धान्त विशारद जिनधर्म प्रचारिका विजयामती माताजी ... . का - मंगलमय शुभाशीर्वाद - यमाला समिति के प्रकाशन संयोजक श्री शांति कुमार जी के पत्र से विदित हुश्रा कि श्री दिगम्बर जैन कुन्थु विजय ग्रन्थमाला समिति जयपुर (राजस्थान) के द्वारा १६वें पुष्प के रूप में घण्टाकर्ण मंत्र कल्प: ग्रंथ का प्रकाशन करवाया जा रहा है। यह आनकर परम हर्ष है। ग्रंथ प्रकाशन कार्य के लिये नयमाला समिति के प्रकाशन संयोजक एवं इनके सहयोगियों को हमारा पूर्ण आशीर्वाद है कि माप इसी प्रकार धर्म प्रभावना का कार्य करते हुए सदा पागमानुकुल प्रार्ष परम्परा के पोषक साहित्य का प्रकाशन करते रहे, जिससे अनेकान्त और स्थावाद को बल मिले। गणिनी प्रायिका विजयामतो . . 4 . TNA:

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