Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 48
________________ २२ ] अन्य विधि नं० ५ इस यंत्र को भोज पत्र पर भ्रष्ट गंध से लिखकर अपने पास रखें। मूलमंत्र घण्टाकर्ण का जाप करें तो सर्वकार्यो की सिद्धि होती है । मनोवांछित फल मिलेगा । घण्टाकर्ण मंत्र करुपः यंत्र को सुगंधित पदार्थों से लिखना चाहिए। यंत्र अनार या सोने की कलम से लिखें ! यंत्र लिखते समय मौन रहें । यंत्र लिखते समय शुद्ध वस्त्र पहने रहें । यंत्र लिखते समय भूमि की शुद्धता हो, त्रियोग शुद्धि पूर्वक यंत्र लिखें । सच्चे मन से मूलमंत्र का जाप्य करें, सर्व सुख होता है । ( यंत्र चित्र नं १० देखें) ५५ ३० १६ सा १८ ३६ ९० ४४ उ २२ २४ ८५ अ सि आ उ सा ५ ३२ १४ सि २० ३४ २८ २६ आ ४० ६ प्रीं प्रां ५ प्रः प्रौ श्रुं · [ यंत्र चित्र नं० ११ अ J

Loading...

Page Navigation
1 ... 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88