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अन्य विधि नं० ५
इस यंत्र को भोज पत्र पर भ्रष्ट गंध से लिखकर अपने पास रखें। मूलमंत्र घण्टाकर्ण का जाप करें तो सर्वकार्यो की सिद्धि होती है । मनोवांछित फल मिलेगा ।
घण्टाकर्ण मंत्र करुपः
यंत्र को सुगंधित पदार्थों से लिखना चाहिए। यंत्र अनार या सोने की कलम से लिखें !
यंत्र लिखते समय मौन रहें । यंत्र लिखते समय शुद्ध वस्त्र पहने रहें । यंत्र लिखते समय भूमि की शुद्धता हो, त्रियोग शुद्धि पूर्वक यंत्र लिखें ।
सच्चे मन से मूलमंत्र का जाप्य करें, सर्व सुख होता है । ( यंत्र चित्र नं १० देखें)
५५ ३०
१६ सा १८ ३६
९० ४४ उ २२ २४
८५ अ सि आ उ सा
५ ३२ १४ सि २० ३४
२८ २६ आ ४० ६
प्रीं प्रां
५ प्रः प्रौ श्रुं
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[ यंत्र चित्र नं० ११ अ J