Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

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Page 67
________________ भूत प्रेत व्यंतरादि बाधा निवारण यंत्र विधि इस यंत्र को भोजपत्र पर अष्टगंध से लिखकर ताबीज में रखकर गले में बांधें तो भूत प्रेत व्यंतर आदि की बाधा नष्ट होती है । सर्व प्रकार की हा शांत होती है । चार लोक वाला घण्टाकर्ण मूलमंत्र का पाठ करते रहें । (. इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र न० ३६ देखें ) ज्वर निवारण यंत्र विधि का नाश होता है । घण्टाकर मंत्र कल्पः इस यंत्र को भोजपत्र पर केशर से लिखकर कण्ठ में धारण करें तो ज्वर ( इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं० ३७ देखें ) Bukkit le 13 ॐ हीँ | २७॥ ३४॥ २७ ४ # घं टा ६ ३ | ३१॥३०॥ ३३ ॥ २८॥ ८१ ५ २६ ।। ३२ ।। Ht [ यंत्र चित्र नं० ३७ ] भय निवारण यंत्र विधि 5 删 [ ४१ म इस यंत्र को भोजपत्र पर चंदन घिसकर उससे लिखें, लिखते समय शुभयोग हो । उस यंत्र को दीप धूप दिखाकर ताबीज में डालकर पुरुष के दायें हाथ में और स्त्री के बाएं हाथ में बाधे, तो उन्हें कभी भय नहीं लगेगा । (इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं० ३८ देखें )

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