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घण्टाकर्ण मंत्र कल्पः
उसी सूत्र को २१ बार मंत्रित कर धूप देवें और हाथ में बांधे तो एकान्तरा ज्वर का नाश होता है ।
- (यंत्र चित्र नं. १३ देखें )
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दाको महावीर सर्वव्यांचा | भाकाले मानव सण जिना विस्फोटकभयंप्राप्स
राय
अग्न
सनराजा
सतिनः।
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भयनानिए
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सदाभी चं रक्षारक्षमहाबल । यत्रवतिष्ठतदेवा लिखितोक्षार
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यंत्र चित्र न. १३ ]
अन्य विधि नं.८ दोवालो को रात में या शुभ मुहूर्त में मंत्र जाप्य प्रारंभ कर भगवान महाबोर के सामने ब्रह्मचर्य पालन करते हुए पूर्वोक्त विधि के अनुसार १२ दिन में १२५०० जाप्य पूरा करें।