Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

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Page 56
________________ ३० ] "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं घण्टाकर्ण नमोस्तुते ठः ठः ठः स्वाहा ।" इस मूल मंत्र का १२५०० (बारह हजार पांच सौ बार स्मरण करते रहें, तो अवश्य पद की उन्नति होगी । (इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं. १७ देखें) ॐ पास रखें। स्वाहा । 82 * टाकर मंत्र कल्पः Folठः ह्रीँ ठः ३ श्रीँ ६ र्ण टा घं 地 Ba क ૨ ४ ठः Jitt क्लो C घंटा कर्ण [ यंत्र चित्र नं० १७ ] ऋणमुक्ति यंत्र विधि इस यंत्र को रवि या पुष्य नक्षत्र के दिन केशर से भोजपत्र पर लिखकर घण्टाकर्ण मूलमंत्र का स्मरण करते हुए व्यापार करें, व्यापार में अवश्य लाभ होगा । ऋण मुक्ति होगी । (इस यंत्र के लिए चित्र नं० १८ देखें)

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