Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

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Page 58
________________ ३२ ] मुहूर्त हो, यंत्र को कम करवा कर यंत्र का नित्य पूजन करें । घण्टाकर्ण मूल मंत्र के चार श्लोकों का नित्य पाठ करें, तो अवश्य लक्ष्मी का लाभ होता है । gure is her: घर में लक्ष्मी स्थिर होती है (इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं० १६ देखें). दा ठ ८ ४ ठक [ यंत्र चित्र नं० २० ] म ३ रं न ५१ क घं.. मि सेना में नौकरी यंत्र विधि मः [ यंत्र चित्र नं० २१ ] (इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं० २० देखें) विदेशयात्रा यंत्र विधि ५.१ H 1 (इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं० २१ देखें) हा टा हा 布 ओ सेना में नौकरी का इच्छुक हैं, वह इस यंत्र को भोजपत्र पर केशर से लिखकर अपनी दाईं भुजा में बांधे तो उसकी मनोकामना पूरी होगी । वह प्रतिदिन घण्टाकर्ण मूलमंत्र का जाप करे । | वी - इस यंत्र को भोजपत्र पर रोली से लिखकर अष्ट धातु से बने ताबीज में डालकर दाई भुजा में धारण करें, नित्य मूलमंत्र घण्टाकर्ण का पाठ करें, घण्टाकर्ण की नित्य पूजा करें तो उसका नंबर विदेश यात्रा करने का श्रा जायेगा ।

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