Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

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Page 60
________________ - -- घण्टाकर्ण मंत्र कल्पः - %3- ..- . .. ade संतान दीर्घायु यंत्र विधि ... इस यंत्र को अष्टगंध से भोजपत्र पर लिखकर यथाविधि पूजन करने से 'और पति-पत्नी दोनों यंत्र को ताबीज में मढ़वाकर गले में बांधे, ती उनकी संतान दीर्घायु होगी, अल्पायु कभी नहीं होगी। घण्टाकर्ण मूलमंत्र का जाप करते रहें। । (इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं० २४ देखें) - m an - [मंत्र चित्र नं० २४ ] [यंत्र चित्र नं० २५] प्रेतबाधानाशक यंत्र विधि इस यंत्र को भोजपत्र पर अष्टगंव से लिखकर अपने घर के सामने गाड देखें, तो हर सरह की प्रेत बाधा नष्ट होती है। घण्टाकर्ण मूल-मंत्र का पाठ करते रहें। इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं० २५ देखें)

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