Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

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Page 50
________________ २४ ] यंत्र का अभिषेक पीने से सर्व रोग शांत होते हैं । यंत्र की आराधना शुद्ध हो गई हो तो घण्टाकर यक्ष का साक्षात् दर्शन भी होता है । यह यंत्र बहुत प्रभावकारी है । सिद्धि सावधानीपूर्वक करें, साधक की प्रत्येक इच्छा की पूर्ति होती है । साधक कोई खराब पाप उपार्जन करने वाली इच्छा न करें । ( यत्र चित्र नं० ११ अब देखें) ६ १५. ८ ३ ४ क्लीँ sure मंत्र कल्प १२ १५ ८३४ टाकर्णो यं नास्ति राज भयं नास्ति याति कर्णा विस्फोटक भयं प्राप्त रक्ष रक्षा ठूः स्वाहा । अपाक्षय शाकिनी भूताला राक्षसा प्रभवति रक्ष महाबलयत्र लिखित: खोर नमोस्तुते ठ: ठ: ॐ ६ ७/२ १५ ८ ३/४ Sim p 이과의원 Crea नमो छोटा कर्णा ६७२ १६५ ८ १८३१४ [ यंत्र चित्र नं० १२ 1. - महावास व्याधि रपंक्तिभि रोगा रोगास्तत्र तस्य न‍ हीँ १५ ८.३४

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