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घण्टाकराई मंत्र कल्पः
नित्य १०८ बार मंत्र का जाप करता जायें; ऐसा करने पर सर्व व्याधित सर्वे रोग, क्लेश, संताप समाप्त होते हैं।
मंत्र का जाप्य २१ बार भी कर सकते हैं। मंत्र से मंत्रित शुद्ध जल रोगिली को पिलावें, तो गर्भ को पोड़ा नष्ट होती है। इस यंत्र को घोड़ा या अन्य पशु को बांधे तो रोग नष्ट होते हैं।
इस यंत्र को लिखकर स्त्री के गले में बाँधे तो स्त्री के शाकिनो, डाकिनी । दोषों से निवृत्ति होती है ।
इसका नित्य त्रिकाल १०८ बार जाप करें तो सर्व सुख उपजे; धनं, धान्य यंतरादिक को वृद्धि हो, इस प्रकार इस घण्टाकर्ण यंत्र के गुरा जानो।
यंत्र चित्र नं० ६ ब देखें .
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(यंत्र चित्रनं० १०॥