Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 34
________________ - दण्टाकरण मंत्र कल्पः - - -- - - - अमुक्या का छेड़ा त्रुटी भस्म करो नहीं करो, तो दुहाई माता सीता की। सत्य नांव प्रादेश गुरु का। विधि :----मंगलबार तथा शनिवार को प्रर्ध रात्रि के समय एक मति हनुमानजी की लिखें । उस मूर्ति के मस्तक पर यंत्र लिखें, मूर्ति के ऊपर यंत्र रखें । १०८. चमेली के सुगंधित पुष्प से जाप्य करें। एक बार मंत्र पढे और एक .. पुष्प रखें। ऐसे १०८ पुष्प से जाप्य करना। फिर कोयले की सिगडी जो जलती हुई हो तैयार रखें । जो यंत्र तैयार . किया है, उसको ऊपर की बाधा वाले को दिखावें । ऊपर बांधा उसके शारीर में आएगी, यंत्र गरम करें, फिर रोगों को दिखावें, रोगी चिल्लाने लगेगा उस यंत्र को देखे. गा तो । उस यंत्र को सिगड़ी के ऊपर ऊंचे से संपावें, तब ऊपर की बाधा रोगी को छोड़ देगी । अगर रोगी को नहीं छोड़े तो उस यंत्र को प्रांग में जला देखें तो शीघ्र ही ऊपर की बाधा दूर होगी . .. ... वशीकरण मंत्र विधि : प्रथम घण्टाकरणं मूलमंत्र का जाप्य करें। उस समय मुह उत्तर दिशा की प्रोर हो, लाल वस्त्र पहनें, लाल माला से जाप करें, लाल प्रासन पर बैठकर करें, त्रिकाल करें । यह.४२ दिन तक करें । २२५००० इतना जाप्य करें। १४०० प्रातः काल, १३०० मध्यान्ह काल, १३५० अर्ध रात्रि में । कुल ४०५०. जाप्य करें। यंत्र लिखके बाकी विधि पहले के समान जानना, ६०१० यंत्र लिखना। यंत्र लिखने कि विधि : एक सौ एक कोठे का एक यंत्र लिखें। प्राडी लाईन में १२ और खडी लाईन में ११ कोणे लिखें, उन सब कोरों में क्रमशः घण्टाकर्ण मूल मत्र लिखें--- फिर दीप धूप नैवेद्य फलादिक से . यंत्र की पूजा करें। भ्रष्ट द्रव्य से पूजा ... करें । नित्य ही करते रहे, जब तक जाप्य पूरा न होवें । जाप्य पूरा होने पर लाल चंदन, मिरच में गाय का घी मिलाकर हवन करें, जिसका नाम स्मरण करें वह वश हो पायेगा । जप ध्यानादि शांति से और सावधानी से करें। ... (यंत्र चित्र नं. ४ देखें)- ..

Loading...

Page Navigation
1 ... 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88