Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

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Page 44
________________ घण्टाकर्ण मंत्र कल्पः अन्य विधि नं. २ इस यंत्र को रविवार के दिन भोज पत्र पर अष्टगंध से लिखकर शुद्ध वस्त्र · पहन कर, शुद्ध भूमि पर बैठकर लिखें । मुगुल का दशांश होम करें, दीप, धूप नैवेद्यादिक से पूजा करें। यंत्र चांदी या सोने के ताबीज में डालकर गले में बांधे । शाकिनी, डाकिनी, भूत प्रेतादि का निवारण होता है। सर्व रोगों का निवारण होता है, छोटे बच्चों के दृष्टिदोष का निवारण होता है, इससे कभी भी अकाल मौत नहीं होती। (यंत्र चित्र नं. देखें। मन Post TU.स को HSNA ॐ.22 -12 तस्व -SS Sad [ यंत्र चित्र नं. ६ } अन्य विधि नं. ३ यंत्र को भोजपत्र पर केशर कपर से लिखें, यंत्र को लिखते समय पवित्रता रखें शुद्धि भूमि पर बैठकर यंत्र लिखें। Parammar

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