Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

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Page 32
________________ -- - घण्टाकणं मंत्र कल्पः - ANCE - -- यंत्र बनाने की विधि :-- पुरूषाकार एक पुतला बनावें, उस पुतले के पेट पर बारह कोटे निकाले, उन कोटों में यह मंत्र लिखें-- "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्व दुष्ट नाशनेभ्यो नमः" कंठ पर--"श्रीं नमः, दाहिनी भूजा पर-"सर्व ह्रीं नमः", बाई भूजा पर"शत्रुनाशनेभ्यो नमः", दाहिने पांव पर-"हां-ही-हूँ नमः", बाएं पांव पर "हां, ही, हूँ नमः' लिखें । चारों दिशाओं में घण्टाकर्ण मूलमंत्र के चारों श्लोकों को. लिखें। . नारियल की गिरी, छुहारा, किसमिश से होम करें। उस समय यंत्र अपने पास रखें। यंत्र के प्रभाव से दुष्टकर्म, दुष्टदेव, परचक्र, राजशत्रु और सर्व उपद्रव नष्ट होते हैं । कल्प वृक्ष के समान फल देता है । ऋद्धि, सिद्धि, लक्ष्मी बढ़ती हैं । इहलोक के सम्पूर्ण सुख की प्राप्ति होती है। { यंत्र चित्र नं० २ देखें ) लक्ष्मी प्राप्ति यंत्र षट्कोण बनाने, षट्कोण में ये मंत्र अक्षर लिखें ___ ॐ ह्रीं, हां, ह्रीं ह्रौं, नमः" इसके बाद ऊपर एक वलय खीचें, उसके ऊपर घण्टाकर्ण मूलमंत्र वेष्टित करें। उसके बान साधन करें। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पूर्व दिशा में मुख करके, सफेद वस्त्र पहन कर सफेद प्रासन पर बैठकर, सफेद माला से एकाग्रचित्त होकर संयम से रहते हुए जाप्य करें। जाप्य १,२५००० बार ७२ दिन में करें अर्थात् सवालक्ष जाप्य करें। एकान्त में एक समय गेहूं के सामान से बना भोजन करें। किसमिश, . चिरोंजी, बादाम, छुहारा, खोपरा का होम करें । जलगंधाक्षत पुष्पादि से पूजन करें। उस समय यंत्र अपने पास में रखें। फल :--एक महिने अथवा दो महिने में फल अवश्य मिलेगा अर्थात् लक्ष्मी ' की प्राप्ति होती है, कल्याण होता है, यश मिलेगा,.. सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति होती है, प्रानन्द ही प्रानन्द प्राप्त होता है। ( यंत्र चित्र नं. ३ -देखें.) RETILib.. . E - h tayatriNDIANET t . .. .

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