Book Title: Ghantamantrakalpa
Author(s): Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti

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Page 24
________________ * प्रकाशकीय * मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि परम पूज्य श्री १०८ गणधराचार्य कुन्थु सागरजी महाराज के विशाल संघ सहित राजस्थान प्रांत में श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र तिजारा में पधारने के शुभावसर पर श्री दिगम्बर जैन कुन्थु विजय ग्रंथमाला समिति जयपुर (राजस्थान) द्वारा १६ वें पुष्प के रूप में प्रकाशित घण्टाकर मन्त्र कल्पः ग्रंथ का विमोचन करवाने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। प्रस्तुत - घण्टाकर्ण मन्त्र कल्पः ग्रंथ में यंत्र मंत्र प्रकाशित किये गये है । इस ग्रंथ. में प्रकाशित यन्त्रों तथा मन्त्रों का संग्रह परम पूज्य श्री १०८ गणधराचार्य कुन्धु सागरजी महाराज ने अपने अमूल्य समय में से समय निकालकर लोगों के लाभार्थ किया है | इस ग्रन्थ में जो यन्त्र तथा उनके मन्त्र प्रकाशित किये गये है उनके माध्यम से श्रद्धा सहित ग्रन्थ में वरित विधि से उपयोग करने पर अनेकों प्रकार के रोग शोक श्राधिsurfer से भव्य जीव छुटकारा पा सकते है । आज प्रत्यक्ष में देखा जाता है कि लोग अनेकों प्रकार के रोग शोक प्रावि व्याधि से पीड़ित है और उनसे छुटकारा पाने को इधर उधर भटकते रहते है फिर भी दुःखों से छुटकारा नहीं मिलता है। लोगों को इन संकटों से लाभ मिले इसी को लय में रखकर गणधराचार्य महाराज ने इस ग्रन्थ का संकलन कर प्रकाशन करवाने की कृपा की है जिसके लिये हम सभी उनके चरण कमलों में शत शत बार नमोस्तु प्रपित करते हैं और आशा करते है कि भविष्य में भी श्राप श्री की लेखनी से इसी प्रकार के अनेकों ग्रंथों का संग्रह होकर प्रकाशन होता रहे, ताकि लोगों को लाभ मिलता रहे। गणचराचार्य महाराज द्वारा संकलित यन्त्र मन्त्र से सम्बन्धित ग्रंथमाला द्वारा प्रकाशित यह चतुर्थ ग्रन्थ है । इससे पूर्व ( १ ) लघुविधानुवाद ( २ ) श्री चतुर्विंशति तीर्थंकर अनाहत यंत्र मंत्र विधि ( ३ ) श्री भैरव पद्मावती कल्प: ग्रन्थ, प्रकाशित हो चुके है जिनके प्रकाशन से लोगों को मन्त्र यन्त्र सम्बन्धी प्रकाशित सामग्री की जानकारी मिली है और लाभ मिला है। इसके साथ-साथ यन्त्र मन्त्र के ग्रप्रकाशित ग्रन्थों का उद्धार भी हो रहा है । प्रस्तुत ग्रन्थ की प्रस्तावना साहित्य जगत में जानेमाने विद्वान डाक्टर कस्तूरचन्द जी कासलीवाल साहब ने लिखने की कृपा की है। हम डाक्टर साहब को उनके द्वारा दिये इस सहयोग के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में भी आपका मार्ग दर्शन तथा सहयोग हमें इसी प्रकार प्राप्त होता रहेगा ।" ग्रन्थ प्रकाशन सर्च को बड़ौत निवासी परम गुरुभक्त श्रीमान श्रशोक कुमार जी जैन ने वहन कर ग्रंथमाला समिति को सहयोग प्रदान किया है। ग्रंथमाला समिति की ओर से आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद देते है। आशा है ग्रंथमाला समितिको भविष्य में भी समय-समय पर प्रापका सहयोग प्राप्त होता रहेगा ।

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