Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सहो
"
पं० ७
पंचमं परिसिटुं सुत्तंकाइ । सद्दो
सुत्तंकाइ क्खय
१३४३ २९४, ४०७, ५१२ [१ तः ११], **क्खल =स्खल्
१०८४, १०८९, ११०१, ११७६, -क्खलाहि
११९६, ११९९, १४१०, १४१९खगपक्षिन् २३८
२०, १४२४-२५ * खज
खलुक = गलिवृषभ १०५०, १०६२ -खज ३६९ खलुंकिज
पृ० २३७ टि. १३ खज्जूर
१३८५ खलुंकिय खट्ठ
पृ० १८४ टि०८ * खव खड्डुगा
-खवित्ता
पृ० २४२ टि. १० खड्डुया
पृ० ९० टि० १ -खवेइ ११०३, ११०९, १११२, खण ६१९, ७३३, १२५९, १२७२,
१११७, ११२०, ११२६, १२८५, १२९८, १३११, १३२४,
११३१, ११३५, ११४३, १३४२
११६०, ११६३, ११७३. *खण
७४, ११८०, १३४२ -खणह
३८५ -खवेऊण खणमेत्त
-खवेति
११७७ खत्त=क्षत्र
-खवेत्ता
९९५, ११०० खत्तिय १००-१, २४६, २५२, २५६, -खवेत्ताणं
८३५ २६०, २६६, २७४, ५०३, -खवेत्तु ३५८, पृ० २६३ टि० ३
५७०, ९८३ खवण १३७०, पृ० ३२७ टि० ३ खम
४६९, ७७६, १२४७ खविय ६७४, पृ० १६९ टि० १४ *खम
खहयर १६२३, १६४३, १६४५ -खमउ पृ० ३२८ टि० २२ खंज
१३७४ -खमाह ३८९-९० खंड
६७४, १३८५ -खमाहि पृ० १३९ टि० २०-२२ खंडिय= खण्डिक-छात्र ३७७, ३८९ -खमे= क्षमस्व
७३५, ७३७ -खमेऊण
पृ० २०६ टि० १५ खंति ९, २९, १०४, १०९, १५९, खमण पृ० २८४ टि० १७
२४८, २८५, ७०९, ८१३, खमावणया ११०२, १११९
११०२, ११४८, ११६९ खय
७३६ खंतिक्खम खयट्ठाए =क्षयार्थम्
१७४
११३,३४६, १४६२-६३ खरपुढवी १५२७ खंधदेस
१४६२ खर [पुढवी]
१५२३-२४ खंधार
११९३ * खल=स्खल
खाइम
५०५-६ -खलाहि पृ० १३६ टि० २१ खाणी
४५४ -खलेज
खाणु खलु १५, ४९, ५०, ७८, १८२, २५४, । * खाम
खंत
खंध
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