Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

Previous | Next

Page 667
________________ पोलार पोस पेडा पेरंत देस पेसल पेस्स प्पकार प्पभाव ५७४ पंचमं परिसिटुं सहो सुत्तंकाइ | सहो सुत्तंकाइ पेच्च ११९ पोरुसी पृ० २३१ टि. १८, पृ० २३२ पेच्चत्थ = प्रेत्यार्थ-परलोकप्रयोजन टि. ११, पृ० २३३ टि० १४ पेच्चा २८६ पोल्ल =अन्तःशुषिर ७४५ पेज १२९ पृ० १९४ टि० ३ पेज-दोस-मिच्छादसणविजय ११०२ १००८, १०१० ११९५ * पोस पेरण पृ. ८८ टि० २१ -पोसेज पृ०३०३ टि.४ -पोसेजा ६३४, पृ० १४५ टि. ९ पोसह १५२ २२७, ३७२, ३७४ पोसहरय २७० पेसिय १०६० पोसिय १०६१, पृ. २३६ टि. १७ पृ० १४५ टि० ९ ०प्पओसिम्प्रद्वेषवत् पृ. २७९ टि. १८ * पेह १३३८ -पेहई पृ० १७६ टि. १४ °प्पच्चय १३३९ -पेहाए प्पदोसि=प्रदूषवत् १३३५ -पेहिज पृ० ९६ टि० ३ °प्पभव-प्रभव १३३७, १३४५ - पेहे ९३२, पृ० ९६ टि० ३ १३३८ -पेहेज ०प्पमत्त पृ० २८७ टि. १३ पेहि = प्रेक्षिन् २०, ८७, ८२४ °प्पयार =प्रकार १३४०, पृ. २८.टि. ४ पेहिणी = प्रेक्षिणी ७९४ प्पवत्त १३९१ पेहिय = प्रेक्षित ५१६, १२४८ फग्गुण १०१० पोखरिणी पृ० २७१ टि० १२, पृ०२७२ फणग= कङ्कणक टि० २९, पृ० २७४ टि०१९, फरसु ६७१ पृ० २७६ टि० ८, पृ० २७७ ११४७, ११७३ टि० २९, पृ० २७९ टि० १५ फरुस २७, २९, ७५ पोग्गल १०७१-७२, १०७६ फल ९०,९१,२३७, ३७७, ४०९, ४१४, पोत्तिय = चतुरिन्द्रियजीवभेद १५९८ ४१६-१७, ४२६, ४३५, ४३७, पोत्था प्रोत्था -७१९ ५३६, ६२२, ८८४, १११२, १११८, १२४४ पोय-पोत-प्रवहण ४७१, ७६५ * फल पोराण पृ० १९१ टि०६ -फलेइ ८८१ पोराणय पृ. ११९ टि. २ फलट्टयाए = फलार्थम् ५०४ पोराणिई फलट्ठा= , पृ० १५७ टि० १७ पोराणिय २२९, ४४६, ६१३ फलिह १५२७ पोरिसि १००७-८,१०१३,१०१७,१०२६, * फंद १०३१,१०३८ तः १०४०, ११९६ -फंदंति पोरुस ११३, १६६ । फागुण पृ० २२९ टि० २१ ८१७ फरिस पोम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759