Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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६१८
सो
संजमजोग
संजमट्ठा
संजमधर
संजमबहुल
संजममाण
संजमुत्तर
संजय = संयत
संजय = सञ्जयनृप
* संजाय
- संजायए
- संजयती
पंचमं परिसि
सुकाइ
११००, ११०२, ११२८,
११५५, १२१५, १४५३, १७०१ ४०३, पृ० २४६ टि० १४
संजयलाभमाण संजया = संयता * संजल
- संजले
संजलण
संजाणंत
१०२७
६०९
५११, ५१२ [१], ११४१
५७६
१४९
१९, ३४, ३५, ५४, ७७, ८४, १४७, १५८, १७६, ३२६, ३३३, ३६१, ३६८, ३७९, ३८१, ३९९, ४०५, ४९९, ५३५, ५८०, ६०९, ७०४, ७०७-८, ७१४, ७४६, ७५९, ७७६, ७७८, ७८३, ८२२,८४६,९२९, ९३५, ११८२,
१४३४, १४३८, १४४०
५५१, ५६०, ५६९,
५७२
पृ० १९४ टि० ८
८३३
-
संजुत्त
संजय
पृ० २०० टि० ११
१३४१
५५४, १००२, १०६५
संजोएमाण
३९३, ४६७, ७८८, ७९०, ७९२ ११६२ संजोग १, २१०, ३२८, १०७७, ११०५ संजोते माण पृ० २५५ टि० १० संठाण ५१६, १०७७, १४६७, १४७३ तः १४९८, १५३५, १५४३, १५५७, १५६८, १५७७, १५८७, १५९६, १६०६, १६२१, १६३०, १६३९, १६४६, १६५५, १६९९
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७४, ७६
११०६
पृ० २२६ टि० १०
सो
संठिय
सुकाइ
१५०९, १५१२
६६३ संत = सत् ६११-१२, ७१५, ८१९, ८८९, ९५८, १२६८, १२८१, १२९४, १३०७, १३२०, १३३३ २२ ५५३
संत = सत्, शान्त
,,,,, श्रान्त संतइ १४६१, १४६४, १५३१, १५३९, १५५३, १५६४, १५७३, १५८३, १५९२, १६०२, १६११, १६२६, १६३५, १६४२, १६५१, १६७०
४५१, ५१२ [१]
५३
८४९, ८६५
संतत्त = संतप्त
संतयः
संतरुत्तर
* संतस
- संतसई
- संतसंति
- संतसे
- संतसेज्जा
- संतस्सई
= सन्तत-व्याप्त
संताण
संति = शान्ति
39
संतिकर
संतितित्थ
संतिमग्ग
संथड
संथव
संतुट्ठ
* संतुस्स
- संतुसिजा
- संतुस्सइ
- संतुस्से
संतोस
संतोसीभाव
संथार
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१४५ १५८
६१
७७७
पृ० १०५ टि० १६
४८२ १५७, ४०२-३ ५८८
- तीर्थकर
"
४०४-५
३२६
१४४७
पृ० ११८ टि०९
११३५
२२४
पृ० २५६ टि० १०
११७२ ७८५
१६५, ४९५, ५०४, ५१५, ५२३, ७८४, १०४६, १०९२
५३६, ५४३, ८४०, ८४४, ९५५
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