Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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८. अट्ठमं परिसिटुं
आवस्सयसुत्तंतग्गयाणं सद्दाणमणुक्कमो
[अत्र सूचना द्वितीयपरिशिष्टवद् शेया]
सुत्तंकाइ
सहो
२६ २९
सद्दो अइक्कम
१९, ७५, ८३, ९२ अइक्कमणा अइयार १०, १५, १७, १९, ३०,३५, ६५,
६७, ६९, ७१, ९०, ९२, ९५ अइवाय
२४[१-३], ६६, ६७ अकप्प
१५, २९, ३५ अकरणता अकरणया अकरणिज
। १५, ३५ अकसाय
पृ० ३४० टि० ७ अकाल अकिरिया अक्कमण अक्खय अक्खर
६१, पृ. ३४१ टि. ९ अक्खरिय अक्खुयायारचरित्त अग्ग अग्गि
७९ [२] अचित्तपरिग्गह
७४ अचित्तादत्तादाण अच्चक्खरिथ
२६ अच्चित्तपिहणया अच्चिय अजिय = अजितजिन अजोग
पृ० ३४० टि. ७ अज्ज-आर्य अजप्पभिई = अद्यप्रभृति अजिया = आर्यिका अज्झयण
सुत्तंकाइ अट्ट [झाण]
२३ [४] अट्ठ = अर्थ
५७, ६१ , = अष्टन्
१५, २६, ३५, ५७ अट्ठारस अट्ठारसविह अट्ठावीसइविह अड्ढ़ अड्ढाइज अड्ढातिज्ज
पृ० ३४३ टि. १ अड्ढार
,, टि.८ अणगारचरित्त अणणुपालणया अणत्थदंड
८०, ८१ अणत्थदंडवेरमण अणवद्वित अणंगकीडा अणंत = अनन्तजिन अणाभोग
९६ तः १०५ अणायरित = अनाचरित पृ० ३४२ टि०९ अणायार
१५, १९, ३५ अणालत्तय अणिच्छियव्व अणु अणुगाम अणुग्गह * अणुजाण -अणुजाणह अणुत्तर * अणुपाल -अणुपालेमि
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