Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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६३६
सत्तमं परिसिटुं
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१८
३, ३८
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सुत्तादि सुत्तंको | सुत्तादि
सुत्तको * थूलगमुसावायं समणोवासओ पञ्च- ६८ * पडिक्कमामि सत्तहिं भयट्ठाणेहिं [यावत् ] * दिवसचरिमं पच्चक्खाइ १०३[१] * ,, तेत्तीसाए आसायणाए २६ * दिसिवए तिविहे पन्नत्ते
* परदारगमणं समणोवासओ पच्चक्खाइ ७२ * दिसिवयस्स समणोवासएणं इमे
७७
पुक्खरवरदीवडढे * दिसिव्वयगहियस्स दिसापरिमाणस्स
* पोरुसिं पच्चक्खाति उग्गते सूरे * देसावगासियस्स समणोवासएणं इमे
* पोसहोववासस्स समणोवासएणं इमे ९० * नमो चउवीसाए तित्थगराणं
* पोसहोववासे चउविहे पन्नत्ते * निव्विगइयं पञ्चक्खाइ
१०५ * भवचरिमं पच्चक्खाइ १०३[२] * पडिकमामि एक्कविहे असंजमे २० * भोयणओ समणोवासएणं इमे ७९[१] , गोयरचरियाए
लोगस्सुजोयकरे चरहिं कसाएहिं २३[१] * सदारसंतोसस्स समणोवासएणं ७३ ,, झाणेहिं २३[४] * समणोवासओ पुवामेव मिच्छत्ताओ ६३ , विकहाहिं २३[३] | * सम्मत्तस्स समणोवासएणं इमे , सण्णाहिं २३[२] * सव्वलोए अरहंतचेइयाणं चाउक्काल सज्झायस्स १९ 'सव्वं'ति भाणिऊणं छहिं जीवनिकाएहिं २५[२] सामाइयम्मि तु कते , लेसाहिं २५[१] * सामाइयस्स समणोवासएणं इमे तिहिं गारवेहिं २२[४] * सामाइयं नाम सावजजोगपरिवजणं ८२
२२[२] सिक्खा दुविहा गाहा , दंडेहि २२[१] सिद्धाण बुद्धाणं
विराहणाहिं २२[५] सिद्धे भो! पयओ णमो जिणमए ,, सल्लेहिं २२[३] * सुयस्स भगवओ करेमि काउस्सग्गं ५१ दोहिं बंधणेहिं
सुविहिं च पुप्फदंतं पंचहिं कामगुणेहिं २४ [२] * सूरे उग्गए अभत्तटुं पच्चक्खाइ १०१ ,, किरियाहिं २४ [१] | * , ,, णमोकारसहितं , महव्वएहिं २४ [३] | * ,, उग्गते पुरिमड्ढं पञ्चक्खाति ९७
समिई हिं २४[४] | * से य सम्मत्ते पसत्थमोहणीय
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___, गुत्तीहिं
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