Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 750
________________ आवस्सयसुत्तंतग्गयाणं सद्दाणमणुक्कमो ६५७ सहो सुत्तंकाइ सद्दो सुत्तंकाइ सुअ = श्रुत ५१ सेजंस = श्रेयांसजिन सुक्क झाण २३ [४] सेजा सुक्कलेसा २५[२] सेल सेहाविय सुत = श्रुत पृ० ३४१ टि० ८, पृ० ३४७ सेहिय टि. ७ सोग सुद्ध सोयणवत्तिया=स्वतप्रत्यया सुपास= सुपार्श्वजिन सोलस सुभ १०, ५९ सोलसय सुमइ-सुमतिजिन ४, ३९ सोसणया पृ० ३५३ टि०५ सुमति= " पृ० ३३४ टि. ४ सुय= श्रुत १५, २६, ३५ हरितक्कमण पृ० ३३७ टि० १५ सुयदेवया हरियकमण सुर ४८ हरियभोयण सुवण्ण = सुवर्ण * हव ,, = सुवर्णकुमारदेव -हवा सुविधि = सुविधिजिन पृ० ३३४ टि०६ हिरण्ण-सुवण्णपमाणाइक्कम सुविहि = , हिंसप्पयाण सुव्वय हीण सुसील हीणक्खरिय सुह = शुभ सुहावह * हो सुहुम ३७, ४६, ५८ - हुज पृ० ३४५ टि. ३ सूयगड -होइ पृ० ३४९ टि०४ सूर=सूर-सूर्य ९६, ९७, ९८, १०२ ३७, ४६ ७५ ho Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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