Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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उत्तरज्झयणसुत्तंतग्गयाणं सहाणमणुक्कमो सहो
सुत्तंकाइ । सद्दो
सुत्तंकाइ मयमय
महत्थत्थ=महार्थार्थ-महाप्रयोजनार्थ ९२४ मयट्ठाण
११५१ महत्थरूव मयंगतीरा ४१२ महप्पइन्न
पृ० १९५टि. १२ *मर
महप्पणो=महात्मनः
७६४ -मरइ १४५, १६१ महप्पसाय
३९० -मरई
पृ० १०५ टि० १८ महप्पा=महात्मा ३८१,३९४, १०६४ -मरंति
१७०९ तः १७११ महब्बल =महाबलनामा राजा -मरिऊण
पृ० १०५ टि० १७ महब्भय -मरिस्सामि
महब्भर
६४० -मरिहसि
पृ० १५३ टि. ७ महया = महता ५५२, ५६८, ७५६ -मरिहंति
पृ० ३२७ टि० २४ महव्वय ६१५, ६३३, ६९३, ७४२,७७५ -मरिहिसि
४८१ महं = महान्तम् -मरिहिंति १७१३ महंत
६२३, ६२५ मरगय
१५२७ महंतमोह मरण १३१-३२, १४५ तः १४७, १६१, महाउदगवेग
९०१-२ ६१९-२०, ६२८, ६५१, ६९५, महाकिलेस ८२९, ९०४, १९८८, १२४१, महाजय
४०१ १७०८, १७१३, १७१९ महाजस ३८२,५८६, ६००, ७०२, ७५६ मरणकाल ११८५ महाजंत
६५८ मरणंत
१४५, १५८, १८७ महाजुइ * मरिस
महाणुभाग ३८२, ३९६, ४१७, ४२६ - मरिसेहि
७६० महाणुभाव पृ० १३८ टि० २८, पृ० १४४ मरु
६५५
टि० १३, पृ० १४५ टि. १५ मल ४८, १३९, ९७३ महातलाग
११८१ मलावधंसि
१२३ महातवोधण मल्ल =माल्य
७३२, १४३५ महादवग्गि मस
महादीव
९०२ मसग ६०, ४९८, ६३६, १५९८ महादोस
१४४६ मसय
महानाग मसारगल्ल १५१७ महानिज्जर
११२१ मह =महत्
महानियंठ
७५४ महग्घय
महानियंठिज ७५६, पृ० १९६ पं० ७. महजुइ
पृ० ९१ टि०९ महापइन्न महण
महापउम=महापद्मनामा चक्री ५९१ महड्ढिय पृ० ९१ टि. १३, पृ. १३४ महापजवसाण
११२१ टि०८,पृ० १७३ टि. ११-१४-१७ महापन = महाप्रज्ञ ११४, १३०, ८०२, महण्णव .
६१५, १३३९ ।
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