Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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५८४
सो
मणत्ति
मणजोग
मणनाण
मणपरिणाम
मण पल्हाय
मणप्पओस = मनः प्रद्वेष
मणस
५१४
३९१
५३
११०२, ११५८
१२७, १७२, ३१८, ३८० ९७७, १४३५, १४४४, १४४९
७५
९६९
मणा = मनाक्
५५७
मणि १६६, २७४, ६०८, ७४५, १५२६ मणिच्छिय पृ० ९१ टि०६ मणुन्न ११४७, ११६४-६५, १२५५-५६, १२६९, १२८२, १२९५, १३०८,
१३२१
मणसमाहारणया
मणसा = मनसा
मणसी = मनसि
महार
माहिव
सिंद
पंचमं परिसि
मणुन्नया
१३४०
मणुय २९१, २९५, १२६८, १२८१,
१२९४, १३०७, १३२०, १३३३३४, १६०७, १६४७, १६५२, १६५४
२७०
पृ० १७४ टि० ३
मणुस्स ४८, ६६, ११८, २०५, २५८, ७१७, ८०९, ११०६, १४१४
मणुस्सजम्म
७५८
मणुस्सया
१०३
मणुस्साउ
१३५७
मस्सिद पृ० १७३ टि०१३, पृ० १७४ टि०३
सेंद ५८७, ५९२ मंणूस पृ० ९४ टि० २३, पृ० १०२ टि०५ मणोगय ४३
मणोरम
२३७-३८, ४८१, ५१२ [५],
५२३, ९५५, १२५४ ८१२ ४७, पृ० ९० टि० १८
मोरह
मणोरुइ
सुत्तकाइ
९२७, ९४५
११७४
१०६८, १३४९
૮૦૮
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सो
मणोसिला
मोहर
* मण्ण
- मण्णइ
मण्णत
मत = मत
= मद
"
मति
मत्त = मत्त
""
= मात्र मत्तन्न = मात्रज्ञ
मत्ता = मात्रा
मत्तु = मृत्यु
मद = मद
मद्दव
मद्दवया
मद्दवसंपन्न
मधु
मनोहर
* मन्न
- मत्ता
- मन्नइ
- मन्नई
- मन्नए
- मन्नसी
- मन्नसे
- मन्नंति
- मन्ने
मन्नमाण
मन्नंत
ममत्त
ममतबंध
मम्म
मम्मय = मर्मकृत्, मर्मग मय = मद
دو
= मृत
८५०
१३९, ७९७
५२०, पृ० १०९ टि० १४
पृ० ९३ टि० ३ पृ० ३२८ टि० २२ पृ० २६९ टि० २१,
पृ० २७१ टि० २१
पृ० २६५ टि० ७
२८५, १०६४, ११०२, ११७० ११५१
सुकाइ
१५२६
५१२[५], १४३५
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३९
११०
पृ० ३२८ टि० १६
पृ० २६५ टि० ७
"
६७५ १२५१
११६
३८, ३९ २८, १३८
पृ० ८८ टि० २२
९०१, ९१६
पृ० २१६ टि० ४
१६९
६१०, १०५९ १२३, ५३५
१०६०
६९१
७०३
३३१
२५
३६४, ५१९, १२२३ ५६४-६५, १०५३
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