Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

Previous | Next

Page 669
________________ ५७६ सहो पंचमं परिसिटुं सुत्तंकाइ सुत्रांकाइ २४४, ३७८, ४५१, ८०४ तः ८०६, बंभइन ८१४, ८१९, ८५५, ९११, ९७६, बंभगुत्ति १२२३ १०४७, १२१४, १३५२, १३५८, बंभचारि ३६८,५१२ [२ तः ११], १२४५ १४४३, १७०२, १७१३-१४ बंभचेर ५१२ [२ तः ११], ५१३, बहुअंतराय ४४८ ५२७, ९८२, १२४९ बहुकायर ७४१, ७८० बंभचेरगुत्ति १०२९ बहुकाल ४५४ बंभचेररय ५१४ तः ५२१ बहुगुण २३७ बंभचेरसमाहिट्ठाण ५११, ५१२ [१-११], बहुपएसग्ग ११२४ पृ० १६५ पं० ११ बहुपच्चवायय २९३ बंभण ९७१, ९८१ तः ९८३ बहुमय बहुमत बंभदत्त ४०७, ४१०, ४४० बहुमाइ ५४० बंभयारि ३८१, ५११, ५१२ [१-५] बहुमाण ४१० ५२८, ७७६ बहुमाणथा ११०६ बंभलोग ५७९, १६६२ १०,००० बंभलोय १६७० ३०५, ५११, ५१२ [१], बंभवय पृ० २६८ टि० १९ १०१०, ११४१ बंभव्वय ६३८ बहुलोभणिज १२८ ३९४ बहुविह ६९१ बादर १५३७ बहुवेयण १०२ बादरकाथ १५२६ बहुसुयपुज पृ० १३५ पं. १३ बायर १४४०, १५२२-२३, १५३०, बहुसो १६२, ६६८, १७१३ १५३१, १५३८, १५४४-४५, बहुस्सुय १५८, ३४२ तः ३५७,८१९ १५५२, १५६०-६१, १५६३, बहुहा ४५१ १५६९-७०, १५७२ *बंध बारगा= द्वारिका -बंधइ ११०३, ११०७, ११२४, ११३९, बारगाउरी पृ. २०४ टि.२ ११६४-६५, ११६९, ११७३ बारगापुरी ८१४ -बंधति १७१९ बारस १५०९, १५८४, १७०३ बंध १७०, ४६०, ६३७, ७०३, बारसहा ९८०, १०७८ बारसंग ८४३, पृ० २१८ टि. १० बंधण १६, ४८९, ७४२, ११२४ बाल-बाल-अज्ञ ३७,७४,१३२-३३,१३६, बंधव १२०, ३२०, ४२९, ५६४, ६२१, १३८,१४१, १४४ तः १४६,१७१, १८२-८३, १८८, १९५, १९७, बंधवया १२० २०६, २१३, २१५, २७२, ३६४, बधु ३९०,५३३,१२५१, १२६०-६१, बंभ = ब्रह्मचर्य ४०५, ६३३, ७७५, १२२७ १२७३-७४,१२८६-८७,१२९९; ,ब्रह्मनामा प्रासादप्रकार; १३००,१३१२-१३, १३२५-२६ बाढं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759