Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

View full book text
Previous | Next

Page 629
________________ ५३६ सो सुकाइ १२९९, १३१२, १३२५, १४१४, १४१७, १४२१, ८१६ - तेणं - तेसि १४५५, १४६७ - तेसिं ७४, ८८, १५८, २११, २१८, २२३, ४१४, ४४९, ५०३ – ४, ६०६, ९६०, ९६२, १४६३, १५२१, १५३०, १५५९, १५६३, १५७२, १५७९, १५८८, १५९७, १६१०, १६१९, १६२२-२३, १६२५, १६३४, १६३८, १६४१, १६४५, १६४९, १६५४, १६९७, १७०९ तः १७११ १२५५-५६, १२६९, १२८२, १२९५, १३०८, १३२१, १३३५ २२८, २७६ - तेसु १२७, ४७, ४८, १२५, ३८०, ४९५ तः ५१०, ७६१, १२५६, १२५९, १२८२, १२९५, १३०८, १३२१, १३४२ १९१, ४६५-६६, ५७८, ७३२, ७९४, ८१५, ८१७, ८१९, ८२२, ८२७, ८४७, ८८१, ९०७, १०५९, ११८८, १४१९ - २०, १४२४-२५, १५११–१२, १६१९, १६९७ - से = सः २, ११३, १२२, १२७, १४५, १७८, १८० तः १८२, २०५, २१७, २२४, २९०, ३०८, ३४१, ३४३, ३४६ तः ३५३, ३५६-५७, ४२७, ४९९, ५१२ [१, ३ तः ६, ८ तः ११], ५३९, ५४९-५०, ५५५, ६२३ तः ६२६, ६८५, ७४२, ७४४ तः ७४६, ७५१, ७५६, ७६५, ७६८, ७८०, ७८३, ८०२, ८०५, ८३६, ८४३, ९५२, ९५७, ९९३ - ९४, १०५४, १२१३, १२१६ तः १२३४, १२५८, तेहिं - स - सा पंचमं परिसि Jain Education International सो सुकाइ तः १२६०, १२६४, १२७१ तः १२७३, १२७७, १२८४ तः १२८६, १२९०, १२९७ तः १२९९, १३१०, १३१२, १३१६, १३२३, १३२५, १३२९, १४७४ तः १४९८ ३११ तः ३१६ ४१५ = तानि "3 = तस्य ४५, ७१, ७८, २१७, २६२, ४३१, ६८४, ७५१-५२, १०२८, १०५०, १२५९, १२६२, १२६७, १२७५, १२८०, १२८५, १२८८, १२९३, १२९८, १३०६, १३११, १३१४, १३१९, १३२७, १३३२, १३३९, १३४१ ७९५ - सो - से = तस्मै १४२, २३१, २७२, ३३३, ३८१, ३८९, ४२६, ४४०, ४६८, ४७९, ५५६, ५५८-५९, ५८७, ६०७, ६४९, ६८१, ६९१, ७०७, ७१३, ७१६, ७६४, ७७३, ७९२, ७९८, ८०१, ८०७, ८११, ८२३, ८३३, ९१२, ९१४, ९६१, ९९२, १०५८, १०८४ तः १०८७, १०८९, १०९१, ११८३, ११८६, १३३५, १३४४ तइय = तृतीय १०११, १०१९, १०६८, ११७३, १३४९, १६४० १६८८ तइय [गेवेज्ज] तइया = तृतीया ९९७, १००७, १०१३, १०२१, १०२६, १०३८, ११९७ = तदा तइया [नरयपुढवी ] २३३ १६१४ ६७३, १५२५, तज्य = त्रपुक - त्रपु तउस मिंजग १५९० तउसमे जग तओ : = ततः पृ० ३१२ टि० २४ - से = तत् " ފ १०, १००, १३७, १९६, २१७, २८०, ५१२[१०], ५६६, ६४८, ६८९, ७१३, ७५५, ८०४, For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759