Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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उत्तरज्झयणसुत्तंतग्गयाणं सद्दाणमणुक्कमो
५७१
सहो
"
___ ५०
सुत्तंकाइ
सुत्तंकाइ -पास ७७१, पृ० १६५ टि. १९ पियदंसण -पासई ५५६, ६०९, ७०७, १३४३ पियधम्म
१३९८ - पासए
पृ० २८० टि. १६ पियरं-पितरम् -पासिऊण
पियरोपितरः -पासित्ता ५५६, ७०८ पियंकर
३४१ - पासित्तु
पियंवाइ -पासिया
३७९, ३८९, ८२१ पिया = पिता १६४, ४२८, ७२१, ७२७, -पासे
१६५ -पासेत्ता
८०२
पियादय =प्रियदय पृ० १०९ टि० १ पासबद्ध
पियायय=प्रियदय, प्रियात्मक पासमाण २१२ पिरिली
१५९९ पासवण ९४०,१०३३ पिव= इव
.६७२ पासंड
५४६, ८५५ पिवासा पासंडि
पिवासापरीसह पासाथ २३५, २५२, ६०७, ७७० पिवीलिया
१००, १५८९ पासायालोयण
६०८, ७७१ पिसाय
१६५९ पासुत्त
पिसायभूय
३६५-६६ पि १३, ९३, १४७, १९३, २२४, पिसुण
१३८ २४३, ३१०,३८७, ४१७, ४८०, पिस्समाण
१३८७ ६१९, ६७९, ७२७, ७८९, ८३२,
* पिह १०१२, १०२५, ११९६, १२५५, -पिहेइ
१३३४, १३८९, १६९५ पिहिय *पि
दृश्यता 'पिब' पिहियासव -पेच्चा
७६५-६६ पिउ= पितृ
१३७५ पिच्चा-प्रेत्य . पृ० १२५ टि. २४
३४, ८०, १७५, २२०, ५४८ * पिच्छ
पिंडपाय =पिण्डपात पृ० ११० टि०१४ -पिच्छ पृ० १०२ टि. १० पिंडवाय
१७७, १४४७ पिच्छ पृ. २८५ टि. १४ पिंडोरगहपडिमा
१२२२ पृ० २४४ टि०५ पिंडोलय
१५१ पिजदोस-मिच्छादसणविजय ११७३ * पीड पिट्ठ पृष्ठ
१८, ६५ -पीडई *पिब
पीडित
पृ० १७८ टि. १४ -पिबंती
पृ० १९४ टि. ९ पीडिय पृ० १७८ टि. १०-१४, पृ० -पिबित्ता
१८२ टि० १४ पिय = प्रिय १४, २४३, ४४६, ६७४-७५, | पीढ ७७८ । पीणिय
१८०
१११३
पिंछ
पिज
७२४
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