Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सुत्तंकाइ
| धूव
-धरसेइ
नई
उत्तरज्झयणसुत्तंतग्गयाणं सद्दाणमणुक्कमो सद्दो
सुत्तंकाइ सद्दो -धरिजंति १२०३
१४३५ * धरस
दृश्यतां 'धरिस' धूवण
पृ०२९३ टि. १० पृ० २६८ टि० १३ घेणु * धरिस
धोरेज
४७६ -धरिसेइ १२४६ धोरेय
पृ० १५२ टि. १० धाउ
१३७७ न ७,९८,१०१,२००, २०४,२७७,३२१, *धार
३९१,४१६,५००,५०१,५६४, ६१८, -धारइत्ता
७४६ ६३९,७१०,७८३, ८०६, ८९७,९०२, - धारए
८१, ५२१ ९९३,१०२८,१०९९, ११०३, ११६९, -धारे ६३८, पृ० २९३ टि. १३
१२१२, १२९९, १३०२, १३४०, -धारेज
पृ० १८८ टि. २ १४२८-२९, १५८२, १५९१,१६२५, -धारेजा १४
१७०५, १७१३ -धारेध पृ० १८८ टि० २
३५५, ६६४ -धारेह
नउय
१९१ धारा
६४२, ६६४, ६६७, ८८९ नक्खत्त ३५२, ९६३, ९६६,९६८, धारि=धारिन् १२४,४५८
१०१४-१५, १६६० धारेयव्व ६२९, ६३३ नग
३५६, ४१२ धावंत
६६४ नगर ६८,२४८, २५६, ३२६, ५५१, २४९, १०५५
६०५, ६०८, ७६५, ११९२ धिइमं% धृतिमान् ५२७, ५८९ नगरमंडल
८४०, ८४४ धिइमंत ८१७, पृ० २३२ टि. १ नगरी
८३९, पृ० १२१ टि० ५ १२३७ नग्ग=नाग्न्य-श्रामण्य
७५२ धितिमंत
१०२८ नग्गइ
५९६ ८१६, ८२९ नट्ट
४२०, ४२२ धीर २१, २०७, ४७६, ४९७, ५८३, नत्थि = नास्ति ७७,७८, ९४, ११७, १३५, ६०२, ६०४
२४२, ४५६, ४७०, ६४९, धीरत्त
२०७
६७९, ७४३, ७५२, ९१७, धुणाधुनना
१०२२
१०९३-९४,१४४३, १५१८ १४५ नदी
____ ७३९, १२५२ धुयकम्मंस ११६
पृ०३०२ टि.१ नपुंसगवेय
११०७ धुव १९४,५२९, ७५५,९१७, १५०६ नपुंसग [सिद्ध
१५०१ धुवगोयर ६८८ नपुंसय
१५०३ ५०२ नपुंसवेय
११०७, १३३६ धूमाभनैरथिकभेद
१६०९ * नम धूयरं = दुहितरम् ७६६
४५ ३७९ -नमंति
पृ० १२२ टि. १३
धिइ
धिति
धिरत्यु
नपुंस
धुरा
-नम
धूया
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