Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 646
________________ सहो निद्देसयर-निर्देशतर निद्ध निद्ध[फास] निद्धय[फास] निद्धंत निद्धंधस * निद्भुण -निद्भुणित्ताण - निद्भुणे निनाथ उत्तरज्झयणसुत्तंतग्गयाणं सहाणमणुक्कमो ५५३ सुत्तंकाइ सद्दो सुत्तंकाइ पृ० ८५ टि. ४ *नियह दृश्यतां 'नियत्त' १३७४-७५ -नियहिजइ पृ० २२१ टि०२ १४७२ नियह २०४, पृ० १५७ टि० २१ १४९२ नियडिल्ल १३९५ ९७३ * नियत्त १३९२ -नियत्तइ पृ० २५० टि० १९ -नियत्तेइ ११०९, ११३४ ६९२ -नियत्तेज ९४६, ९४८, ९५० १०७ नियत्त ४८२, ६९६ नियत्तण ३७१ नियत्ति १२१५ ४९० * नियम पृ० १५४ टि. १७ -अ+ नियमेत्ता २२२ निन्न नियम ६०९, ७४४ निन्नेह निपरिग्गह निप्पडिकम्मया निप्परिग्गह निप्पिवास * निबंध -निबंधइ ११०६, ८२७ नियंठ १११२, ११२५, ११४५ १११९ १३७४, १३७६ तः १३७८ १३३९ ४५२ नियमव्वय = नियमव्रत नियय = नित्य ५२९ ,, = नियत ३७५, ५०५, ५३०, ७५४ नियंठधम्म ७४१ नियंठिन ७५६ नियंथ पृ० १६६ टि० २ नियाग ७५० नियागट्टि ७, पृ० ८७ टि० २२ नियाण पृ० १५६ टि० २ नियाणखम नियाण[सल्ल ११०७ नियायट्टि निरइयार १११८ निरक्रिय २८४ निर? पृ० ८६ टि. १८, पृ० ८८ टि. १२ निरग पृ० ९८ टि०१ निरट्रय पृ० १९५टि०१ निरट्ठसोय = निरर्थशोक निरट्टिय ७५२ निरस्थ निरत्थय निब्भय निब्मेरियच्छ निभ * निमज -निमजिउं निमंतण निमंतयंत निमंतिय निमित्त निमिसंतर निम्मम निम्ममत्त निम्मल निम्मोयणी नियग * नियच्छ -नियच्छइ -नियच्छई ५४७, ७४८, १७१८ ६९४, १४५२ १५१२-१३ ४७५, पृ० १५२ टि. १३ पृ० १५६ टि० २५ ८, २५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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