Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सहो
१११४
१२१
५६०
पंचमं परिसिटुं सुत्तंकाइ सद्दो
सुत्तंकाइ -पडिवजयामो
पडिहय
१५०७-८ -पडिवजंति
१०४
पडुच्च १४६४, १५३१, १५३९, १५५३, -पडिवजामि
१०४५
१५६४, १५७३, १५८३, १५९२, --पडिवजिउं पृ० १९८ टि. १५
१६०२, १६११, १६२६, १६३५, -पडिवजित्ता पृ० २३४ टि. १०
_१६४२, १६५१, १६७० -पडिवज्जिया ११६, १४४, २०६, ७७५ पडुप्पन्न -पडिवजना
पृ० २३४ टि १० * पढ पडिवजओ=प्रतिपद्यमानस्य
-पढइ पृ० ३२८ टि० २२-२४ पडिवजमाण १११८ -पढंति
, टि० २४ पडिवजि= प्रतिपादिन् पृ० ११४ टि० २० पढम १३३, ७२२, ९३७, ९९७, १००७, पडिवजियव्व
१२४३
१०१३, १०२३, १०३८, १०९६, पडिवत्ति ८५२, ११०६
११७३, १४२८, १७०४ पडिवन्न ११०४, ११०६ तः ११०९, पढम [गेवेज ११३३, ११३८, ११४३, ११६३ पढमा [नरयपुढवी
१६१२ पडिविरइ पृ० २४२ टि. १ पणग
१५५५-५६ * पडिसंचिक्ख
पणगमट्टीय
१५२४ -पडिसंचिक्खे
पण? * पडिसंजल
पणयाल
१५१० -पडिसंजले
पणवीस
१६८८ * पडिसंध
पणवीसा
पृ० २६६ टि०४ -पडिसंधए
१०४८ *पणाम पडिसंलीण ३४० - पणामए
६८४, ८०७ * पडिसंविक्ख
पणिहाणवं = प्रणिधानवान् ५२०, ५२६ -पडिसंविक्खे पृ० ९६ टि० १० पणिहि * पडिसेव
पणीय ५१२[८], ५१९, ५२४, १२०२ -पडिसेवंति
पृ० ९७ टि० १३ * पणुल्ल प्रणुद् -पडिसेविति
- पणुल्लयामो -पडिसेवेति
पणुवीसइ
१६८९ पडिसेवि
१७१८ पणुवीसा
१२३० * पडिसेह
* पणोल्ल = प्रणुद् -पडिसेहए
-पणोल्लयामो पृ० १४० टि० २८ पडिसेहिय
पण्णत्त
२१६, ५१२[८] पडिसोय
६४१ पण्णरस पडिसोयगामि
४७४ पण्णरसम
पृ० १५८ पं० १० * पडिस्सुण
पण्णवओ=प्रज्ञावतः
१९१ -पडिस्सुणे
१८, २१, २७ पण्णवं प्रज्ञावान् पडिस्सुय
१३०
पण्ह
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