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वही ईश्वर है । यह ईश्वरीय ज्योति ही है, जो नर को नारायण की विश्व-वंदनीय महत्ता प्रदान करती है ।
प्रस्तुत नूतन वर्ष की यात्रा आपके इसी विराट रूप को, रूपायित करे। यही नूतन वर्ष के उपलक्ष्य में आप सबके प्रति हार्दिक मंगल-कामना है ।
जनवरी १९८७
(४२८)
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