Book Title: Bikhre Moti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आध्यात्मिक जीवन के सात अलंकार (1) सरलताः- “सरलता आत्म-कल्याण की बुनियाद है।" (2) कृतज्ञताः- “उपकारी के उपकारों को स्वीकार कर, उनको याद रखना, आत्म प्रगति का मार्ग है। इसलिये ही कहा गया है कि कृतज्ञता ही कृपा के द्वार खोलने की श्रेष्ठ चाबी है।" (3) समर्पण:- “अनन्त उपकारी जिनेश्वर प्रभु की शरणागति स्वीकारना ही भव-मुक्ति, आनन्द-मंगल कल्याण, एवं शांति का अवध्य मार्ग है।" (4) पश्चात्ताप :- “अनेक दोषों एवं भूलों से भरे हम अपनी आत्मा का शुद्धिकरण शुद्ध हृदय से पश्चात्ताप-तप द्वारा ही कर संकते हैं।" (5) करुणा :- “कोमलता द्वारा ही कृपालु से मिलन होता है। अतः जीवमात्र को अभयदान देने के लिये अपने अन्तःकरण को करुणाशील बनाना परम आवश्यक है।" (6) निराशंस भाव :- “इच्छा ही संसार है, इच्छा ही बंधन है। For Private And Personal Use Only

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