Book Title: Bikhre Moti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 67
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -: श्रावक के इक्कीस गुण : (३)अक्षुद्रः- तुच्छ स्वभाव वाला न होकर गंभीर हो। (2)रुपवान्ः- सुंदर अंगोपांग वाला हो, इंद्रियापूर्ण, आकृति सुंदर एवं तेजस्वी हो। (3)प्रकृति सौम्यः-शीतल स्वभावी हो जिसके चेहरे पर उग्रता नहीं हो। (4)लोकप्रियः- जिसका जीवन शुद्ध हो, लोक चाहना जीतने में सक्षम हो। (5)अक्रूरः- क्रूरता रहित कोमल स्वभाव वाला हो। (6)भीरू:- पाप दुराचार से डरने वाला हो। (7)अशठः- छल-कपट से रहित हो। (8)दक्षः चतुरता से परोपकार में दक्ष हो। (9)लज्जालुः- दुराचार से शरमाता हो। (10)दयालुः- दुःखी को देख दया पैदा हो। 58 For Private And Personal Use Only

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