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देषकथन के लिये मुख ।
( 7 ) दो वशीकरण मन्त्र :- मधुर वचन, नम्र व्यवहार । (8) दो त्याज्य :- महिला को फेंशन, पुरूष को व्यसन । (9) दो जीवन व्यर्थ :- जिसने क्रोध और काम को नहीं जीता।
अति आदर बहु प्रिय वचन रोमांचित बहुमान | देय करे, अनुमोदन, दान भूषण ये पांच ।।
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हर सांझ वेदना एक नई,
हर भोर नया सवाल देखा ।
दो घड़ी नहीं आराम कहीं, मैंने हर घर जाकर यही देखा ।।
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जन्मे कितने जीव हैं,
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जग में करो विचार ।
लाये कितने साथ में, पहले का परिवार ।।
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