Book Title: Bikhre Moti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 74
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org देषकथन के लिये मुख । ( 7 ) दो वशीकरण मन्त्र :- मधुर वचन, नम्र व्यवहार । (8) दो त्याज्य :- महिला को फेंशन, पुरूष को व्यसन । (9) दो जीवन व्यर्थ :- जिसने क्रोध और काम को नहीं जीता। अति आदर बहु प्रिय वचन रोमांचित बहुमान | देय करे, अनुमोदन, दान भूषण ये पांच ।। == हर सांझ वेदना एक नई, हर भोर नया सवाल देखा । दो घड़ी नहीं आराम कहीं, मैंने हर घर जाकर यही देखा ।। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir === जन्मे कितने जीव हैं, 65 जग में करो विचार । लाये कितने साथ में, पहले का परिवार ।। For Private And Personal Use Only

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