Book Title: Bikhre Moti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 81
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir “कुरुक्षेत्र के मैदान पर, कदम्ब के वृक्ष नहीं उगते, कदम्ब के लिये तो वृंदावन चाहिये। मन को कुरुक्षेत्र मत बनाईए। विश्वास का वृंदावन रचाइये, और दोस्ती के फूल खिलाइये।" "हर वक्त हर समस्या का खुले आम सामना नहीं किया जा सकता, कभी समाधान का सहारा भी लेना पड़ता है। और कभी कुछ समय के लिये समर्पण भी करना पड़ता है।" ___ "समस्या को हम सुलझा नहीं सकते, तो उसे सम्हाले रखे। ज्यादा उलझाएँ नहीं, यह भी एक तरीका है, समस्याओं से निपटने का।” । "चिंता की चिनगारी, चिता बनाकर, चित्त को जला न दे, इसकी सावधानी रखिये।" __ अपने व्यक्तित्व को भारी भरकम मत बनाइयें। सौम्य और प्रसन्न व्यक्तित्व हर एक को दिल जीत लेता है। सूर्य प्रभावशाली और दीप्ति मान् है, पर कविताएँ चाँद पर लिखी गई हैं क्योंकि वह सौम्य है, शीतल हैं, - मधुर व्यक्तित्व का निर्माण कीजिये। 72 For Private And Personal Use Only

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