Book Title: Bikhre Moti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 77
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org -: नवनीत : “दुःख हो या सुख, आंसू हो या मुस्कान, पर एक न भूलें, यह भी चला जायेगा ।" Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir "कोई भी इतना धनवान् नहीं कि पड़ौसी के बिना काम चला सके ।” “जो बाते घाव बनकर रिसती रहें, टपकती रहे, उन बातों को भूलना अच्छा।" “औरों को उनकी खामियाँ बताना, उनकी कमियों का उन्हें अहसास दिलाना, उनकी गल्तियाँ बताना, यह तो सामान्य व्यक्ति भी करता हैं, परंतु उनकी दूसरी विशेषताओं से परिचित करना, उनकी अच्छाइयों की ओर इशारा करना, उनकी खूबियों की तारीफ करना, यह सब मुश्किल तो है । 68 For Private And Personal Use Only

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