Book Title: Bikhre Moti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 32
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हर किसी को खुश करने की ख्वाहिश किसी की पूरी हो न सकी, कभी वो रूठा, कभी उसे मनाया, पर हर किसी की नाराजगी दूर हो न सकी, सिल-सिला ये यू ही चलता रहा, दोस्ती सभी से हो न सकी। तरसते रहे हम, सभी को अपना बनाने को। पर ख्वाहिश यह हमारी पूरी हो न सकी। ये दुनिया हमारी हो न सकी। 2 जो तुम हँसोगे तो, हँसेगी ये दुनिया। पर रोओगे तुम तो न रोएगी ये दुनिया।। चलोगे तुम तो चलेगी ये दुनिया। रुक गये तुम तो, न रुकेगी ये दुनिया।। 23 For Private And Personal Use Only

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