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“ यदि तुम रोगी हो तो, आहार का त्याग करो
"दान में श्रेष्ठ अभयदान है
“ माता, पिता, और
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"कर्म हमेशा कर्ता का अनुगमन करता है ।
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गुरु
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ये तीनो पृथ्वी पर जीवित देवता हैं
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मानव जन्म संसार-समुद्र पार उतरने के लिये विशिष्ट नाव है ।
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लोगों को त्रास देने व आतंकित करने में ही व्यस्त रहने वाले लोग अंधेरे से अंधेरे में ही गमन करते हैं ।
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भयंकर से भयंकर विस्फोटक भी (मानवीय आत्माओं में स्फुरित) विचारों का दास है । क्रूर विचार हीरोशिमा एवं नागासाकी जैसी विध्वंसता के जन्मदाता हैं। जबकि सु-विचार उन्हीं साधनों को सृजन के लिये उपयोगी बना सकता