Book Title: Bikhre Moti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 49
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " इंसान ही एक ऐसा जानवर है, जिसके जीवन में कोई मर्यादा नहीं है।" " स्वयं में खोए बिना, खोज पूरी नहीं होती, बिंदु से सिंधु बनने की यही व्यवस्था है। " " पहले स्वयं को पूर्ण शुद्ध करो, सिद्ध स्वतः बन जाओगे।" ___“ पाप से घृणा करो, पापी से नही " “ आलोचना एक भयानक चिंगारी है, जो मनुष्य के अंहकार रूपी बारूद के गोदाम में विस्फोट कर देती है ।" “ अति उग्र पाप की सजा तुरंत मिलती है, उसी तरह अति शुभ कृत्य भी तुरंत परिणाम देता है।" कहने को तो कहते रहते हो, गाय हमारी माता है। For Private And Personal Use Only

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