Book Title: Bikhre Moti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 61
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org " “ प्रकृति के इस अटल नियम को सदा याद रखो कि किसी को रूलाकर आप हंस नहीं सकते, औरों को दुःखी बनाकर सुखी बनने की कल्पना मात्र भ्रम है। दूसरों को मारकर इस जगत् में कोई शांति से जी नहीं सकता । " if यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि तीव्र आवेश में आकर आदमी गलत कार्य कर बैठता हैं, परन्तु गलत कार्य कर देने के पश्चात् स्वहदय में अपने पाप के प्रति पश्चाताप का भाव न हो तो समझो, वह हृदय नही पत्थर हैं । उसके लिये परमात्मा के द्वार बंद रहेंगे । " हैं । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आधी और रूखी भली सारी तो संताप । जो चाहेगा चूपड़ी, बहुत करेगा पाप । । 66 हम मौत से न तो अपने परिजनों को बचा सकते है, न ही अपना मकान । मजबूत दीवार भी मौत को नहीं रोक सकती, नं चौकीदार हाथ पकड़ सकता है, मौत का, न कोई डॉक्टर हमें मौत के भय से मुक्त कर सकता है, न ही कोई वकील मौत के सामने स्थगन आदेश ला सकता है । हर जीवन मृत्यु से घिरा है । केवल धर्म ही उसे सुरक्षा प्रदान कर सकता 19 52 For Private And Personal Use Only

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