Book Title: Bhagwati sutram Part 03
Author(s): Abhaydevsuri,
Publisher: Agamoday Samiti
View full book text
________________
6-15RMO
पाणसु उववाएयबो, अचरिमते अपजत्तमुहुमपुढाकाइएमु च
व्याख्या- ठाणेसु उववाएयवो जाव बादरवणस्सइकाइएसु पज्जत्तएसुवि ४०, एवं अपज्जत्तबादरपुढविकाइओवि ६०, ३४ शतके प्रज्ञप्तिः
एवं पजत्तबादरपुढविकाइओवि ८०, एवं आउकाइओवि चउसुवि गमएसु पुरच्छिमिल्ले चरिमंते समोहए उद्दे. १ अभयदेवी- एयाए चेव वत्तवयाए एएसु चेव वीसइठाणेसु उववाएयचो १६०, सुहुमतउकाइओवि अपजत्तओ पजत्तओ पृथ्व्यादीया वृत्तिः२ दय एएस चेव वीसाए ठाणेसु उववाएयचो, अपज्जत्तवायरतेउक्काइए णं भंते! मणुस्सखेत्ते समोहए २ जे
नामुत्पादः
सू ८५० ॥९५५॥ भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पञ्चच्छिमिल्ले चरिमंते अपजत्तसुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं |
भंते! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा सेसं तहेव जाव से तेण?णं० एवं पुढविकाइएसु चउविहेसुवि उववाएयवो, एवं आउकाइएसु चउविहेसुवि, तेउकाइएसु सुहुमेसु अपजत्तएसु पज्जत्तएमु य एवं चेव उववाएयचो, अपज्जत्तवायरतेउक्काइए णं भंते ! मणुस्सखेत्ते समोहए समो०२ जे भविए मणुस्सखेत्ते अपज्जत्तबाय| रतेउक्काइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते! कतिसम०?, सेसं तं चेव, एवं पजत्तवायरतेउक्काइयत्ताएवि उववाएयचो, वाउकाइयत्ताए य वणस्सइकाइयत्ताए य जहा पुढविकाइएसु तहेव चउक्कएणं भेदेणं उववाएयचो, |एवं पजत्तबायरतेउकाइओऽवि समयखेत्ते समोहणावेत्ता एएसु चेव वीसाए ठाणेसु उववाएयवो जहेव अपजत्तओ उववाइओ, एवं सवत्थवि बायरतेउकाइया अपजत्तगा य पज्जत्तगा य समयखेत्ते उववाएयवा समो- ॥९५५॥ हणावेयवावि २४०, वाउक्काइया वणस्सकाइयाय जहा पुढविकाइया तहेव चउक्कएणं भेदेणं उववाएयवा जाव पज्जत्ता ४००॥बायरवणस्सइकाइएणं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिल्ले चरिमंते समोहए समोहएत्ता
NAGACANCARROCA
dain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654