Book Title: Bhagwati sutram Part 03
Author(s): Abhaydevsuri,
Publisher: Agamoday Samiti
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जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पचच्छिमिल्ले चरिमंते पजत्तबायरवणस्सइकाइयत्ताए उववजित्तए द्र से णं भंते! कतिसम० सेसं तहेव जाव से तेण?णं०, अपज्जत्तसुहमपुढविकाइएमु णं भंते! इमीसे रयण|प्पभाए पुढवीए पचच्छिमिल्ले चरिमंते समोहए समोह० २ जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छि| मिल्ले चरिमंते अपज्जत्तमुहुमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! कइसमएणं?, सेसं तहेव निरवसेसं,
एवं जहेव पुरच्छिमिल्ले चरिमंते सवपदेवि समोहया पचच्छिमिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाइया जे य है समयखेत्ते समोहया पचच्छिमिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाइया एवं एएणं चेव कमेणं पचच्छिमिल्ले चरि|मंते समयखेत्ते य समोहया पुरच्छिमिल्ले चरिमंते समयखेरो य उववाएयत्वा तेणेव गमएणं, एवं एएणं गमएणं
दाहिणिल्ले चरिमंते समोहयाणं उत्तरिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाओ एवं चेव उत्तरिल्ले चरिमंते समहै यखेत्ते य समोहया दाहिणिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाएयचा तेणेव गमएणं, अपजत्तसुहमपुढविका
इएणं भंते! सक्करप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिल्ले चरिमंते समोहए २ जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए पचच्छि४ मिल्ले चरिमंते अपजत्तसुहमपुढविकाइयत्ताए उववजइ एवं जहेव रयणप्पभाए जाव से तेणटेणं एवं एएणं
कमेणं जाव पज्जत्तएम सुहुमतेउकाइएसु, अपज्जत्तसुहमपुढविकाइए णं भंते ! सक्करप्पभाए पुढवीए पुरच्छि|मिल्ले चरिमंते समोहए समोहइत्ता जे भविए समयखेत्ते अपजत्तबायरतेउक्काइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते ! कतिसमय० पुच्छा, गोयमा! दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेण उववजिज्जा, से केणटेणं ?, एवं खलु
ॐHOURSAMACHAR
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