Book Title: Bhagwati sutram Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, 
Publisher: Agamoday Samiti

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Page 625
________________ कण्हलेस्सकडजुम्मरएगिदिया णं भंते! कओ उवव०१, जहा पढमसमयउद्देसओ नवरं ते णं भंते! जीवा कण्हलेस्सा?, हंता कण्हलेस्सा, सेसं तं चेव । सेवं भंते सेवं भंते ! त्ति ॥ २२॥ एवं जहा ओहियसए एक्कारस उद्देसगा भणिया तहा कण्हलेस्ससएवि एक्कारस उद्देसगा भाणियवा, पढमो तइओ पंचमो य सरिसगमा सेसा अट्ठवि सरिसगमा नवरं चउत्थछट्टअट्टमदसमेसु उववाओ नत्थि देवस्स । सेवं भंते! २त्ति ॥ ॥३५ सए वितियं एगिदियमहाजुम्मसयं सम्मत्तं ॥ एवं नीललेस्सेहिवि सयं कण्हलेस्ससयसरिसं एक्कारस उद्देसगा तहेव । सेवं भंते! २॥ ततियं एगिदियमहाजुम्मसयं सम्मत्तं ॥ एवं काउलेस्सेहिवि सयं 5 कण्हलेस्ससयसरिसं । सेवं भंते! २ त्ति ॥ चउत्थं एगिदियमहाजुम्मसयं ॥ भवसिद्धियकहजुम्मरएगिदिया णं भंते! कओ उवव.?, जहा ओहियसयं तहेव नवरं एकारसमुवि उद्देसएसु, अह भंते! सबपाणा | जाव सव्वसत्ता भवसिद्धियकडजुम्मरएगिदियत्ताए उववन्नपुवा?, गोयमा! णो इणढे समढे, सेसं तहेव । सेवं भंते! २ त्ति ॥ पंचम एगिदियमहाजुम्मसयं सम्मत्तं ॥५॥ कण्हलेस्सभवसिद्धियकडजुम्मरएगिदि या णं भंते! कओहिंतो उवव०?, एवं कण्हलेस्सभवसिद्धियएगिदिएहिवि सयं बितियसयकण्हलेस्ससरिसं ४ भाणियत्वं । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति ॥ छ8 एगिदियमहाजुम्मसयं सम्मत्तं ॥६॥ एवं नीललेस्सभव| सिद्धियएगिंदियएहिवि सयं । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति ॥ सत्तमं एगिदियमहाजुम्मसयं सम्मत्तं ॥ ७॥ एवं काउलेस्सभवसिद्धियएगिदिएहिवि तहेव एक्कारसउद्देसगसंजुत्तं सयं, एवं एयाणि चत्तारि भवसिद्धि Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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