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जिनका जीवन स्वयं सबोध महाप्रज्ञ का अवदान विकास महोत्सव का वरदान वस्तुतः यह है एक दस्तावेज ऐतिहासिक और प्रशस्य छिपे हैं जिसमें विकास और प्रगति के रहस्य ।
मुनि धनंजयकुमार
जैन विश्व भारती लाडनूं (राजस्थान) १५ अगस्त १६६६
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