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सप्टेम्बर - २०१८
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प्रतिष्टाना प्रसंगती रे, कवि कल्लोल संकेत श्री भावप्रभसूरि कहइ रे, जिनस्तुति शिवसुख हेतु १६ सु० इति सुकडि ओरसीया संवाद रासः संपूरण(ण)मिति
श्रीरस्तुः ॥
कडी
अर्थ
ढाल ढाल - १ दूहा
शब्दोना अर्थ
शब्द सुकडि ओरसिया भरततणो वासना आखे देवहर अगराज वर्द्धकिरतन
ढाल - १६ ढाल - २
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ढाल - ३ दूहा ढाल -३
ढाल - ४ दूहा
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विचकि चुवीसी थाट गहिगाट ऊदेर अंभ वाला वरगडूआ सरावला
सुखडनो टूकडो चंदन घसवानो पथ्थर भरतक्षेत्रनो सुगंध अक्षत देवमंदिर गिरिराज चक्रवर्तीना चौदरत्नमांनुं एक रत्न वहेंचीने चोवीशजिननी मूर्ति समुदाय-ठाठ आनंदकल्लोल (बलि) आपवां जल सुगंधी वाळो (औषधि) श्रेष्ठ घडा जवारा वाववानां माटीनां कोडियां ओछी अक्कलनो-ओथमीर मेळ-जोडाण पडघो चंदनवृक्ष ?
ढाल -४
उथमी संधाण पडिछंद रोहणद्रुम
ढाल - ५ - दूहा ढाल - ५
or mor