Book Title: Anusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 309
________________ सप्टेम्बर - २०१८ २९९ धन्य कुमरनें काजें जे पालें शीयल प्रसंड, चतुरसागर कहें नोमी ढालमां पालोजी नरनारि शीयल अखंड ११ दूहा भूपति मनि चिंते इस्युं, धन्य कुमरनो अवतार, वस्तु पोतें आयत्व अखें, नवी भेटि अह नारि... १ के माहिं वेधक नहीं, पुरुषमां नहिं लवलेस, के कोई अतुलीबली, के पूरुषोत्तम कहिइं विशेस... २ ईलामां मारग चलें, बहु वरसें वली मेह, ते सवी एह परभावथी, वड उत्त(म) कहइं अह... ३ शीलरत भाजें नही, ए नवी जाणे को वात, एहना गूण प्रगट करूं, विस्तारुं जग जस विख्यात... ४ प्रथम छोछो एहथी करूं, वली आपू शिर दोस, पछे एह वली शीलप्रभावथी, होस्यें घणु निरदोस... ५ ढाल - १०, यादुपति जित्यो हो के हो के - ए देशी । कुंअर तिहांथी उठ्यो हो, कुंअर तिहांथी उठ्यो हो, कुअर तिहांथी घरि आवें हो, सीख मागि जयसुंदरी हो, तिस्ये तुरत उत्तरइं राजान, आवी खूणे उभो रहो ओ, केडें कुमर प्रधान... १ कुं० तुरत राजा झाली कहें हो, कुण नर तुं कहवाय, परघर कीम पेंठो हतो ओ, स्यें मिसें इयां जवाय... २ कु० पूछतां कुवर इंम भणे हो, लंडांमां हुं सिकदार, आ वेलाई तुम ग्र(म)ह चढ्यो हो, तेमां हस्यें वछ(व्यश)न बे चार... ३ कुं० कुमरी जंपे उर थकी ओ, नहिं ऐहमां वांक लगीर, आपूं कुंडल हीरला ओ, वली आपूं नवसर हार... ४ कुं० उत्तम नर अवलोकतां हो, गुनह नही लवलेस, मुंको मोटा राजीआ कुयर कुयरीनो जायें क्लेश... ५ कुं० कुअरने लेई नीसर्यो ओ, नवी मेलइं राजान, सांप्रति कोई ताहरें हो, मूकु लेई जमान... ६ कुं०

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