Book Title: Anusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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सप्टेम्बर - २०१८
३०७
कुमरि घोडो बांधतां परो रें आव्या असवार, राय तुम्हनें बोलावतां न करो ढिल लगार... कुमरी जाण्यो खोटो सही नवी उगरई आज, मांडि विलखां करे थकें विणस्ये कुमर कुमरीनो काज... २ जे गति कुमरनी हस्ये ते गति कुमरी होय, लोकमा बदनामि थई नवी खोवू भव दोय... यमराणो रूठो स्युं करें मरण थकी अधीक स्यूं लेह, राजा खीज्यो स्यूं करें सच नवि छाडूं जेह... स्नान मज्जन पोतें करें पहिरी सोल श्रृंगार,
तिहांथी कुमरी चालती कहो मायनें विचार... ढाल - १६, आदिसर अवीधारीइं तु छै मोटो देव प्रभुजी - ए देशी ।
पांच सात सखी लेई आवें कुमरी सभामें, प्रभुजी. देवगुरु समरण करी संभारें धर्म इंणें काम. प्रभुजी. कुमरी आवें मन मोजस्यूं - ए आंकणी० पगि लाखिणि मोजडि झांझनो झमकार. प्रभुजी. नरनारि देखी कहेइं अतो हस्ये नागिकुमारी. प्रभुजी. नगरलोक जोवा रह्यो कामनि मोहनवेल. प्रभुजी.. राय पूछ केहनी नंदनि पूछंतां न करो ढील. प्रभुजी. मंत्रीसर तव ओलखी आ स्यूं घरनो विचार, प्रभु. मंत्रीसर झांखो थयो राजा पूछे वारो वार. प्रभुजी. हांसी सहु करता हता जब मांहिं नाव्यो रेलो, प्रभु. परनर नंद्या करें श्रणा पोतें नहिंय नरालो. प्रभुजी. अधीपती खीजें अति घणू थईय लाल गूलाल. प्रभु. ताहरा घरमां नित्ये सदा स्यूं छै ताहरा घरनो विचार. प्रभुजी. ६ कुमर प्रतें वली नृप कहें बेंमां कुण रे अन्याई. प्रभु. मदन कहें रातिं मूझ झल्यो जिम जाणो तिम करो धाई. प्रभुजी. ७
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