Book Title: Anusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 323
________________ सप्टेम्बर - २०१८ ३१३ निरस अहार पोतें करें साथूओ सूद्ध सोधी ल्यावें, कायाने बाडूं देवा भणि खाता मनमें समता ल्याउ... ७राय० गुर पासई आगन्या मीगीनई उपगार करता आवें, अनुक्रमें कासी वांणारसी सांभली पूत्र वांदवा आवें.... ८ राय० राय सैन्यस्यूं परवर्यो बेंठा परषदा आगें, गुरु उपदेस दिई तिहां सांभली उछरें वृत रागें... ९ राय० ओक दिन शुक्लध्यान धरता थकां उपनो केवलज्ञान देव महोच्छव तिहां करें मदन पोहता निरवाण... १० राय० सहस वरस दिक्षा पालिई भय सघलो निवार्यो, चतुरसागर ईहां अम वदें वीसमी ढालें मदन संभारो... ११ राय० देवदत्त जयसूंदरि पहोंतां अनूत्तर विमान, खेत्र विदेहमां अवतरी अकावतारि सिद्धि विमान... १ मदनकुमार बुझ्यो सही बे भव साध्या काज, ओ भव कीरति विस्तरी परभव पाम्यो शीवपूर राज... २ इंम जिन देशना उपदिसें वीर कहें श्रेणिक राय, मदनपरि शील शुद्ध आदरें तेहनें बे भव न थाय... ३ तहति करी वांदी वीरनें श्रेणिक पुछे परषदस्यूं वार, केई चोथू वृत उचरें आलोअण द्वादशवृत द्वार... ४ वीर तिहांथी सिद्धि करें चोवीसमो जिनराज, आप आपणे स्थानिकें पोहता पछी करें धर्मनां काज... ५ ढाल-२१, राग : धन्यासी, में गाया रे पास तणा गुण गाय - ए देशी । में गाया गाया रे मदन साधू तणा गुण गाया, जे नरनारि शील पालस्य तेहनें शिवपूर थाय, श्री जिनवरना वच्चन सद्दहस्ये ते नर उत्तम करी गवाया रे... म्हें मदन साधु तणा गुण गाया - ए आंकणि० धनदेव सेठ तणो ओह नंदन मदन सूत महाराय, तास चरित ओह वखाण्यो श्री ऋषभदेव चरण पसाया रे...

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