Book Title: Anusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 337
________________ N पअन्जर ककररूप रुपइनाटिक R घामकार का) पानाधीनाहिकाच या Anr । कारन वगजाणव चको कास्क प र एककौर रूपरनाथको सपनाटिका (पनाटिका (गका को रूपनाटिक प३.नाटक घा (पकीस सुपर नाटक घकार किंतककारापविजनिचारवंतिककारीपविननिचागतिगकारापविज्ञप्तिाधिकार पविननिचचड़ पश्नाटकका ककर) स्वकार धकार तिडकारेपक्नितिचाककोरावकाराधकार कारापविननिचाल नविनविहंगवदसे ॥१५/वचकार काजकाराकाहाकाराग्कारारुकानातकारवर्ग पापकारवापःफवाजताकर पलवानामाव अावानवपलव रस्कारासवा पंचादकाराकानारुपपाचरुपनाराम जन पांचमतर नयरूपयनवा अन्तरानिपनापनारक50 रुपनारद कमटम मण रुपनाहिक पापनाविन रवणावि१सवकारवशोविसातवोविलापवगाविाटीप्रसायनवयविनति बपत्र (जीजबूरनपलवानयरुपय) (काकासवरतापलवन लपवनपारुप पलक नानानं दिप प्रधानना करीनयम आकारापि प्रवनति वपविन्नतिचजबूपन्नवापश्नित्तंचाकासंबपल्लवपविनत्तिचापत्रवपविजस्विनमंदिवानविन किकासपखवेकपागकरूपममवहरफाप्रसीकरबाजबूरज्ञाप्रमाकरणबनायबनायनरकाचा पाडा नाटिकार वर्दस॥२०॥ Ltd टिक AA

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