Book Title: Anusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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ककर) स्वकार धकार तिडकारेपक्नितिचाककोरावकाराधकार कारापविननिचाल नविनविहंगवदसे ॥१५/वचकार काजकाराकाहाकाराग्कारारुकानातकारवर्ग पापकारवापःफवाजताकर पलवानामाव अावानवपलव रस्कारासवा पंचादकाराकानारुपपाचरुपनाराम जन पांचमतर नयरूपयनवा अन्तरानिपनापनारक50
रुपनारद कमटम मण रुपनाहिक
पापनाविन रवणावि१सवकारवशोविसातवोविलापवगाविाटीप्रसायनवयविनति बपत्र (जीजबूरनपलवानयरुपय) (काकासवरतापलवन लपवनपारुप पलक नानानं दिप प्रधानना करीनयम
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प्रवनति वपविन्नतिचजबूपन्नवापश्नित्तंचाकासंबपल्लवपविनत्तिचापत्रवपविजस्विनमंदिवानविन किकासपखवेकपागकरूपममवहरफाप्रसीकरबाजबूरज्ञाप्रमाकरणबनायबनायनरकाचा पाडा
नाटिकार वर्दस॥२०॥
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