Book Title: Anusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 311
________________ सप्टेम्बर - २०१८ ३०१ दिनप्रति करता मूझ चाकरी रे, खावा रमवा वली जेह, वाते डुगर डोलावता रे, उखाणो मलीओ साछो अह... २ कुंअर राम लखमण तातें काढिया रे, ना'णी पुत्रनी लाज, अगस्ति ऋषी उदधी उपरि कोपिया रे, कृष्ण इंदु सगा नाव्या को काज... ३ कुंअर तव कोटवाल फिर उचरें रे, ताहरें छे वली कोय, कुअर कहें आ वारमें रे, मूझ काजें नावें कोय... ४ कुंअर वलि संभारसुं रुडि परें रे, संदेह रहस्ये मन सोय, काम सर्या केडे फूलस्ये रे, हृदय बीमारी जोय... ५ कुंअर संभारतां तिहां संभार्यो रे, कायथ सुत संभों तेह, वरस वमासि मिलतां थकां रे, निजरनि प्रित थई जेह... ६ कुंअर मिलतां कहें तो काज सरे रे, कहेंयो मुझ वली काम, कोटवाल लेई चालिओ रे, देवदत्त तेणे आव्यो धाम... ७ कुंअर कोटवाल आवी जगावीओ रे, उठो देवदत्त कुमार, ततखिण ते आवी उभो रह्यो रे, बे जण मीलीअ कुंमार. ८ कुंअर देवदत्त पूछे आ वारमें रे, किम पधार्या साहस धीर, कोटवाल कहें सांभलो रे, श्याम चोरी पाल्यो वीर... ९ कुंअर बाहदर लेवा आवीओ रे, मूकावो मूंकां तुझ पास, राय मगावें तइं ये आणवो रे, नाठो मागस्यें तुझ पास... १० कुंअर ईलामांहे ऐहवा नर दीसही रे, आ वारमां आवें काज, चतुरसागर कहें प्रसंसीओ रे, इग्यारमी ढाल चैं सिरताज.. ११ कुंअर दूहा कोटवालने कायथ कहें सिधावो हर्षसु गेह, काम काज हाजर सही म म आणयो संदेह... कोटवाल रुडी परें सूंपी चाल्यो तेह, कुंयरनें कहे चिंता म करो लाधे माणस अवस्था अह... २ राजन तुम सिधावीइं पूरो मननी हाम, मनमान्या पछि आवयो सारो वंछित काम... ३

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