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अनेकान्त-57/3-4
विभिन्न पुराणों, साहित्यों में मिलता है किन्तु उन्हें सभी नहीं समझ सकते। हमारे देश में बहुत से अनपढ़ व्यक्ति हैं जो इन पुराणों का अध्ययन करने में असमर्थ हैं किन्तु चित्रों के माध्यम से वे शिव-परिवार के विषय में, उनके कार्यो के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि चित्रों को समझने हेतु भावों की आवश्यकता होती है भाषा की नहीं। चित्रों की भाषा को हम किसी सीमा में नहीं बांध सकते।
अतः शिव एवं शिव-परिवार के विषय में जानकारी प्राप्त करने हेतु इन चित्रों का अध्ययन आवश्यक है।
-चित्रकला विभाग दि. जैन कॉलेज, बड़ौत