Book Title: Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

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Page 1727
________________ 100%5555555555% , (४१) पिंडनिजुत्ति [३२] 555555555岁男 H2O+乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐国乐明明听听听听听听听乐SC दसणओ तित्थगरा पत्तेया नो पवयणदंससाहम्मी ॥१४७||-१४७१७०) नाणचरित्ता एवं नायव्वा होति पवयणेणं तु पवयणओ साहम्मी नाभिग्गहसावगा जइणो ॥१४८||-१४८१७१) साहम्मऽभिग्गहेणं नो पवयण निण्ह तित्थ पत्तेया - १४८ एवं पवयणभावण एत्तो सेसाण वोच्छामि ॥१४९॥-१४९ १७२) लिंगाईहिवि एवं एक्केकेणं तु उवरिमा नेया जेऽनन्ने उवरिल्ला ते मोत्तु सेसए एवं ॥१५०।-१५०१७३) लिंगेण उ साहम्मी न दंसणे वीसुदंसी जइनिण्हा पत्तेयबुद्ध तित्थंकरा य बीयंमि भंगंमि ।।१५१||-१५१ १७४) लिंगेण उ नाभिग्गह अणभिग्गह वीसुऽभिग्गहा चेव जइसावग बियभंगे पत्तेयबुहा य तित्थयरा ॥१५२।।-१५२ १७५) एवं लिंगेण भावणं दंसणनाणे य पढमभंगो उ जइसावग विसुनाणी एवं चिय बिइयभंगोऽवि ॥१५३||-१५३ १७६) दंसणचरणे पढमो सावग जइणो य बीयभंगो उ जइणो विसुनाणी एवं चिय बिइयभंगोऽवि ॥१५३||-१५३ १७७) सावग जइ वीसऽभिग्गह पढमो बीओ य भावणा चेव नाणेणऽवि नेज्जेवं एत्तो चरणेण वोच्छामि ॥१५५।।-१५५ १७८) जइणो वीसाभिग्गह पढमो बिय निण्हसावगजइणो उ एवं तु भावणासुऽवि वोच्छं दोण्हंतिमाणित्तो॥१५६।।-१५६ १७९) जइणो सावग निण्हव पढमे बिइए य हुंति भंगे य केवलनाणे तित्थंकरस्सनो कप्पइ कयं तु॥१५७।१-१५७ १८०) पत्तेयबुद्ध निण्हव उवासए केवलीवि आसज्ज खझ्याइए य भावे पडुच्च भंगे उजोएज्जा॥१५८||-१५८ १८१) जत्थ उतइओ भंगो तत्थ न कप्पं तु सेसए भयणा तित्थंकरकेवलिणो जह कप्पं नो य सेसाणं ॥१५९॥-१५९१८२) किं तं आहाकम्मति पुच्छिए तस्सरुवकहणत्थं संभवपदरिसणत्थं च तस्स असणाइयं भणइ ॥१६०||-१६० १८३) सालीमाई अवडे फले य सुंठाइ साइमं होइ तस्स कडनिठ्ठियमी सुद्धमसुद्धे य चत्तारि ॥१६१।।-१६१ १८४) कोद्दवरालगगामे वसही रमणिज्ज भिक्ख सज्झाए खेत्तपडिलेहसंजय सावयपुच्छुज्जुए कहणा ।।१६२।।-१६२ १८५) जुज्जइ गणस्स खेत्तं नवरि गुरुणं तु नत्थि पाउग्गं सालित्ति कए रुंपण परिभायण निययमगेहेसु ॥१६३।-१६३ १८६) वोलिंता ते व अन्ने वा अडंता तत्थ गोयरं सुणंति एसणाजुत्ता बालादिजणसंकडा॥१६४||-१६४ १८७) एए ते जेसिमो रद्धो सालिकूरो धरे धरे दिन्नो वा सेसयं देमि देहि वा बिति वा इमं ।।१६५।।-१६५ १८८) थक्के थक्कावडियं अभत्तए सालिभत्तयं जाय मज्झ य पइस्स मरणं दियरस्स य से मया भज्जा ॥१६६।।-१६६ १८९) चाउलोदगंपि से देहि सालीआयामकंजियं किमेयंति कयं नाउं वज्जंतऽन्नं वयंति य॥१६७||-१६७१९०) लोणागडोदए एवं खाणित्तु महुरोदगं ढकिकएणऽच्छते ताव जाव साहुत्ति आगया ।।१६८||-१६८ १९१) कक्कडिय अंबगा वा दाडिम दक्खा य बीयपूराई खाइमऽहिगरणकरणंति साइमं तिगडुगाईयं ॥१६९||-१६९ १९२) असणाईण चउण्हवि आमंजं साहुगहणपाउग्गं तं निठ्यिं वियाणसु उवक्खडं तूकडं होइ॥१७०।-१७०१९३) कंडियतिगुणुक्कंडा उनिठ्यि नेगदुगुणकंडा उनिठ्यिकडो उकूरो आहाकम्मं दुगुणमाहु॥१७१।।-१७१ १९४) छायंपि विवज्जती केई फलहेउगाइवुत्तस्सतं तु न जुज्जइ जम्हा फलंपि कप्पं बिइयभंगे॥१७२।।-१७२१९५) परपच्चइया छाया नवि सा रुक्खोव्वं वट्टिया कत्ता नट्ठच्छाए उ दुमे कप्पइ एवं भणंतस्स॥१७३||-१७३ १९६) वड्ढइ हायइ छाया नत्थि च्छि क्कं पूइयंपिव न कप्पे न य आहाय सुविहिए निव्वत्तयई रवीच्छायं ॥१७४||-१७४ १९७) अघणघणचारिगगणे छाया नट्ठा दिया पुणो होइ कप्पइ निरायवे नाम आयवे तं विवज्जेउं ॥१७५।।-१७५ १९८) तम्हा न एस दोसो संभवई कम्मलक्खणविहूणो तंपिय हु अइधिणिल्ला वज्जेमाणा अदोसिल्ला ॥१७६।।-१७६ १९९) परपक्खो उ गिहत्था समणा समणीउ होइ उ सपक्खो फासुकडं रद्धं वा निठ्यिमियरं कडं सव्वं ॥१७७||-१७७२००) तस्स कडनिळ्यिमी अन्नस्स कडंमि निट्ठिए तस्स चउभंगो इत्थ भवे चरमदुगे होइ कप्पं तु ॥१७८||-१७८ २०१) चउरो अइक्कम वइक्कमो य अइयार तह अणायारो निद्दरिसण चउण्हवि आहाकम्मे निमंतणथा ॥१७९||-१७९२०२) सालीधयगुलगोरस नवेसुवल्लीफलेसुजाएसुंदाणे अहिगमसड्ढे आहाय कए निमंतेइ॥१८०॥-१८०२०३) आहाकम्मग्गहणे अइकम्माईसुई वट्टए चउसु नेउरहारिगहत्थी चउतिगदुगएगचलणेणं ॥१८१||-१८१ २०४) आहाकम्मामंतण पडिसुणमाणे अइक्कमो होइ पयभेयाउ वइक्कम गहिए तइएयरो गिलिए।।१८२।।-१८२२०५) आणाइणोय दोसा गहणे जंभणियमहमे ते उआणाभंगऽणवत्था मिच्छत्त विराहणा चेव ।।१८३||-१८३२०६) आणं सव्वजिणाणं गिण्हंतोतं अइक्कमइ लुद्धो आणं चऽइक्कमंतो कस्साएसा कुणइ सेसं ॥१८४||-१८४२०७) एक्केण कयमकज्ज करेइ तप्पच्चया पुणो अन्नो सायाबहुलपरंपर OrKo 5$$ $$$$$$$ श्री आगमगुणमजूषा-१६०८5555555555$$$$$$$$$$$$$$$5 3 SO听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听50

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