Book Title: Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

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Page 1732
________________ Yo0555555555555555 (४१) पिंडनिनुत्ति CCF明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$$$$$$$$5C网 अत्थाहगाहपं कामगरोहारा जले अवाया उ कंटाहितेणसावय थलंभि एए भवे दोसा ॥३३२||-३३२ ३६१) सग्गामेऽविय दुविहं धरंतरं नोधरंतरं चेव तिघरंतरा परेणं धरंतरं तं तु नायव्वं ।।३३३॥-३३३ ३६२) नोधरंतरऽणेगविहं वा पा डगसाहीनिवेसणागिहेसु काये खंधे मिम्मय कंसेण व तं तु आणेज्जा ॥३३४||-३३४ ३६३) सुन्न व असइ कालो पगयं व पहेणगं व पासुत्ता इय एइ काइ घेत्तुं दीवेइ य कारणं तं तु ||३३५||-३३५३६४) एसेव कमो नियमा निसिहाभिहडेऽवि होइ नायव्वो अविइअदायगभावं निसीहिअं तं तु नायव्वं ॥३३६।।-३३६ ३६५) अइदूरजलंतरिया कम्मासंकाएँ मा न घेच्छंति आणेति संखडीओ सइढो सड्ढी व पच्छन्नं ॥३३७||-३३७ ३६६) निग्गम देउल दाणणं दियाइ सन्नाइ निग्गए दाणं सिटुंमि सेसगमणं दितऽन्ने वारयंतेऽन्ने ॥३३८-३३८ ३६७) भुंजण अजीर पुरिमड्ढगाइ अच्छंति भुत्तसेसं वा आगमनिसीहिगाई न भुंजई सावगासंका ॥३३९||-३३९ ३६८) उक्खित्तं निक्खिप्पइ आसगयं मल्लगंमि पासगए खामित्तु गया सड्ढा तेऽवि य सुद्धा असढभावा ॥३४०||-३४० ३६९) लद्धं नीयं पहेणगं मे अमुगत्थगयाएँ संखडीए वा वंदणगठ्ठपविट्ठा देइ तयं पट्ठिय नियत्ता ॥३४१||- फ़ ३४१ ३७०) नीयं पहेणगं मे नियगाणं निच्छियं व तं तेहिं सागरि सयज्झियं वा पडिकुट्ठा संखडे रुट्ठा ।।३४२।।-३४२ ३७१) एयं तु अणाइन्नं दुविहंपिय आहडं समक्खायं आइन्नंपिय दुविहं देसे तह देसदेसे य ॥३४३||-३४३ ३७२) हत्थसयं खलु देसो आरेणं होइ देसदेसो य आइन्नंमि उतिगिहा तं चिय उवओगपुव्वागा ॥३४४||-३४४ ३७३) परिवेसणपंतीए दूरपवेसे य धंधसालगिहे हत्थसया आइन्नं गहणं परओ उपडिकुटुं ॥३४५||-३४५३७४) होइ पुण देसदेसो अंतो गिह सा नदीसए जत्थ उक्खेवाई तत्थ उ सोयाई देह उवओगं ||३||प.-३ ३७५) उक्कोसं मज्झिम जहन्नगं च तिविहं तु होइ आइन्नं करपरियत्तं जहन्नं सयमुक्कस मज्झिमं सेसं ॥३४६।।-३४६ ३७६) पिहिउब्भिन्नकवाड़े फासुय अप्फासुए य बोद्धवे अप्फासुय पुढविमाई फासुय छगणाइदद्दरए॥३४७||-३४७ ३७७) उब्भिन्ने छक्काया दाणे कयविक्कए य अहिगरणं ते चेव कवाडंमिवि सविसेसा जंतमाईसु॥३४८॥-३४८ ३७८) सच्चित्तपुढविलित्तं लेलु सिलं वाऽवि दाउमोलित्तं सच्चित्तपुढविलेवो चिरंपि उदगं अचिरलित्ते॥३४९||-३४९ ३७९) एवं तु पुव्व नो लित्ते काया उल्लिपणेऽवि ते चेव तिम्मेउं उवलिंपइ जउमुद्दे वावि तावेउं ।।३५०||-३५० ३८०) जह चेव पुव्वलित्ते काया दाउं पुणोऽवि तह चेव उवलिप्पंते काया मुइअंगाइं नवरि छटे॥३५१॥-३५१३८१) परस्स तं देइ सए व गेहे तेल्लं व लोणं व धयं गुलं वा उग्धाडिए तंमि करे अवस्संस विक्कयं तेण किणाइ अन्नं ।।३५२।।-३५२ ३८२) दाणकयविक्कया चेव होइ अहिगरणमजयभावस्स निवयंति जे य तहियं जीवा मुइयंगमूसाई ॥३५३||-३५३ ३८३) जहेव कुंभाइसु पुव्वलिते उब्भिज्जमाणे य हवंति काया ओलिंपमाणेवि तहा तहेव काया कवाडंमि विभासियव्वा ॥३५४||३५४ ३८४) घरकोइलसंचारा आवत्तण पीढगाइ हेटुवरि निते ठिए य अंता डिभाईपेल्लणे दोसा ||३५५||-३५५ ३८५) धेप्पइ अकुंचियागंमि कवाडे पइदिणे परिवहते अजऊमुद्दिय गंठी परिभुज्जइ दद्दरो जो य ॥३५६॥-३५६ ३८६) मालोहडंपि दुविहं जहन्नमुक्कोसगं च बोद्धव्वं अग्गतले पे हि जहन्नं तव्ववरीयं तु उक्कोसं ॥३५७||-३५७ ३८७) भिक्खू जहन्नगंमी गेरुय उक्कोसगंमि दिट्ठतो अहिडसणमालपडणे य एवमाई भवे दोसा ॥३५८||-३५८ ३८८) मालाभिमुहं दवण अगारिं निग्गओ तओ साहू तच्चन्निय आगमणं पुच्छा य अदिन्नदाणत्ति ॥३५९।।-३५९३८९) मालंमि कुट्ठ मोयग सुगंध अहि पविसणं करे डक्का अन्नदिण साहु आगम निद्दय कहणा य संबोही ॥३६०॥-३६०३९०) आसंदिपीढमंचकजंतोडूखल पडंत उभयवहे वोच्छेयपओसाई उड्डाहमनाणिवाओ य ||३६१||-३६१ भ ३९१) एमेव य उक्कोसे वारण निस्सेणि गुठ्विणीपडणं गम्भित्थिकुच्छिफोडण पुरओ मरणं कहण बोही ॥३६२।।-३६२ ३९२) उड्ढमहे तिरियंपिय अहवा के मालोहडं भवे तिविहं उड्ढमहे ओयरणं भणियं कुंभाइसू उभयं ||३६३||-३६३ ३९३) दद्दरसिलसोवाणे पुव्वरुढे अनुच्चमुक्खित्ते मालोहडं न होइ सेसं मालोहडं होइ ||३६४||-३६४३९४) तिरियायय उज्जुगएण गिण्हई जं करेण पासंतो एयमणुच्चुक्खित्तं उच्चुक्खित्तं भवे सेसं ॥३६५||-३६५३९५) अच्छिज्जपिय तिविह पभू य सामी य तेणए चेव अच्छिज्ज पडिकुटुं समणाण न कप्पए धेत्तुं ॥३६६॥-३६६ ३९६) गोवालए य भयए खरए पुत्ते य धूय सुण्हाए अचियत्तसंखडाई केइ पओअं जहा गोवो॥३६७।-३६७३९७) गोवपओ अच्छेत्तुं दिन्नं तु जइस्स भइदिणे पहुणा पयभाणूणं दटुं खिंसइ भोई रुवे चेडा ॥३६८||-३६८३९८) पडियरण xerc555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा १६१३ 5555555555####5555555555 $听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听听乐明乐乐乐乐乐乐乐C

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